लसोड़ा खाने के फायदे और नुकसान/clammy cherry eating benefits and loss tips

लसोड़ा खाने के फायदे benefits of eating lasoda or clammy cherry

लसोड़ा का वानस्पतिक नाम कॉर्डिया मायक्सा (cordia myxa) है।इसे हिंदी में लसोड़ा, गोंदी, निसोरा, निसोढ़ा,रेठू ,कहते हैं, और अंग्रेजी भाषा में क्लेमिय चेरी (clammy cherry),गमबैरी या ग्लूबैरी कहते हैं।लसोड़ा का फल चिकना होता है और फल के अंदर गोंद की तरह चिपचिपा पदार्थ होता है।लसोड़ा का फल गोंदा(बरगद के फल के बराबर) या कसैली या सुपारी के फल के बराबर होता है।लसोड़ा पोषक तत्वों और औषधीय गुणों से भरपूर होता है।

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Clammy cherry eating benefits and loss 

     

कच्चे लसोड़े का  साग और आचार भी बनाया जाता है ।लसोड़ा का चूर्ण भी उपयोग में लाया जाता है।लसोड़ा की पत्तियों और छालों को  घरेलू नुस्खों और आयुर्वेद के उपयोग में लाया जाता है पका लसोड़ा मीठा होता है। तथा इसके भीतर गोंद की तरह चिकना और मीठा पदार्थ होता है। लसोड़ा नम और सूखे जंगलों में ज्यादा पाया जाता है। यह हिमाचल प्रदेश, पंजाब, उत्तराखंड, महाराष्ट्र, राजस्थान आदि में होता है। लसोड़ा के पेड़ की तीन से चार जातियां पायी जाती है परन्तु इसकी मुख्य दो प्रजाति हैं। जिन्हें लमेड़ा और लसोड़ा कहते हैं। लसोड़ा की लकड़ी बड़ी चिकनी और मजबूत होती है। इमारती काम के लिए इसके तख्ते बनाये जाते हैं और बन्दूक के कुन्दे में भी इसका प्रयोग होता है। इसके साथ ही अन्य कई उपयोगी वस्तुएं बनायी जाती हैं।

लसोड़ा में उपस्थित पोषक तत्व - Nutrients present in Lasoda or clammy cherry

लसोड़ा में भरपूर मात्रा में पोषक तत्वों की उपस्थिति पायी जाती है।कर्बोहाईड्रेट,प्रोटीन, फाइबर, क्रूड फाइबर,कैल्शियम, फास्फोरस, आयरन, वसा आदि अनेक गुणों का भंडार है।इसके अलावा इसमें एन्टी इंफ्लेमेटरी गुण भी पाया जाता है।जिससे यह और भी फायदेमंद हो जाता है।

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लसोड़ा की तासीर - effect of lasoda or clammy cherry

लसोड़ा की तासीर शीतल होती है।लसोड़ा कसैला, शीतल, ग्राही, मधुर,विषनाशक, अग्निवर्द्धक, पाचन, कफ निकालने वाला,जलन को रोकने वाला, शीतवीर्य, केशों के लिए फायदेमंद, होता है।

लसोड़ा इम्युनिटी के लिए फायदेमंद - Lasoda or clammy cherry is beneficial for immunity

लसोड़ा इम्युनिटी के लिए  फायदेमंद होता है क्योंकि इसके फल में अनेकों तत्व और विटामिन पाये जाते हैं।जो शरीर के लिए फायदेमंद साबित होते हैं।

लसोड़ा त्वचा (दाद खाज खुजली) के लिए उपयोगी - Useful for lasoda skin (herpes itching)

लसोड़ा दाद खाज खुजली के लिए फायदेमंद होता है। इसके लिए लसोड़ा के बीज का उपयोग किया जाता है।दाद खाज, खुजली की समस्या को मिटाने के लिए लसोड़ा के बीज को बारीक पीसकर पेस्ट बना लें।अब इस पेस्ट को दाद खाज ,खुजली वाली जगह पर लगाने से राहत मिलती है।

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लसोड़ा दाँत के दर्द में लाभदायक - Lasoda is beneficial in toothache

लसोड़ा दाँत दर्द में लाभकारी सिद्ध हो सकता है।इसके लिए लसोड़ा के पेड़ की छाल को निकालकर रख लें।इसके बाद एक बर्तन में पानी को गर्म करके छाल को उसी पानी में डालकर उबाल लें और छाल को छान कर अलग कर लें।अब इसी पानी से कुल्ला करें।यह प्रक्रिया तब तक करें जब तक दाँत दर्द में आराम नहीं हो जाता है।या लसोड़ा के पेड़ की छाल को निकालकर धूप में सूखा लें।अब इस छाल को कूट पीसकर पाउडर बना लें।इस पाउडर को बंद डब्बे में रखे।जब दाँत में दर्द या मसूड़ों में सूजन हो तब पाउडर को एक ग्लास पानी में डालकर उबालें।इसी से गलाला करने या कुल्ला करने से दाँत दर्द, मसूड़ों में सूजन और मुँह के छाले सब ठीक हो जाता है।

लसोड़ा गले की खराश में लाभकारी - Lasoda is beneficial in sore throat

लसोड़ा गले की खरास को दूर करने के लिए लाभदायक सिद्ध होता है ।क्योंकि लसोड़ा के फल में एन्टी इंफ्लेमेटरी,एन्टी,प्लांट स्टेरोल, माइक्रोबियल,एन्टी वायरस गुण पाया जाता है।जिससे इसके फल को फोड़ कर पानी में डालकर उबालें और छान कर दिन में 2-4 बार सेवन या प्रयोग में लाने से गले के खरास में फायदा पहुंचाता है।फल नहीं मिलने पर इसके छाल का भी काढ़ा बनाकर उपयोग कर सकते हैं।काढ़ा कड़वा होने पर स्वाद के लिए काली मिर्च, या शहद को मिला कर उपयोग में ला सकते हैं।इस प्रकार के आयुर्वेदिक उपाय से हम गले की खरास, खांसी, कफ की समस्याओं का एक या दो दिन के अंतराल में समाप्त कर सकते हैं। 

लसोड़ा सूजन को कम करने के लिए फायदेमंद - Beneficial for reducing the swelling of the larynx

लसोड़ा सूजन को कम करने के लिए उपयोगी साबित हो सकता है इसके लिए लसोड़ा के पेड़ की छाल को निकालकर रख लें।अब साफ बर्तन में पानी ले और लसोड़ा की छाल को पानी में डालकर उबाल लें और काढ़ा बना लें।अब काढ़ा में कपूर डालकर मिश्रण बना लें।कपूर और काढ़ा के मिश्रण को सूजन वाली जगह पर मालिश करें।सूजन और दर्द से आराम मिलेगा।या लसोड़ा की छाल को बारीक पीसकर पेस्ट तैयार करें।इस पेस्ट को हल्के आँच पर हल्का गरम करें और सूजन वाली जगह पर लगाने से भी आराम मिलता है।

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लसोड़ा मासिक धर्म में लाभदायक - Lasoda is beneficial in menstruation

लसोड़ा मासिक धर्म के दौरान होने वाले दर्द को दूर करने के लिए लाभकारी सिद्ध होता है।मासिक धर्म के दौरान लसोड़ा की छाल को पानी में डाल कर उबाल लें और एक साफ बर्तन में छान लें।अब इस काढ़े को माहवारी के समय पीने से माहवारी के समय होने वाले दर्द से आराम मिलता है। 

लसोड़ा शारीरिक क्षमता बढ़ाने के लिए उपयोगी - Lasoda is useful for increasing physical ability

लसोड़ा शरीरिक क्षमता बढ़ाने के लिए फायदेमंद होता है क्योंकि लसोड़ा में आयरन, फाइबर, प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, जैसे अनेक तत्व पाये जाते हैं।लसोड़ा में उपस्थित इन सभी प्रकार के तत्वों से शरीर की मांसपेशियों और हड्डियों में जान आ जाती है।प्राचीन काल में आदिवासी मानव लसोड़ा के फलों को सुखाकर चूर्ण बनाने के बाद इसमें बेसन घी और मैदा मिलाकर लड्डू बनाकर खाते थे।आदिवासी मानवों का मानना था कि इस प्रकार के लड्डू के सेवन से शरीर मेभरपूर जोश और ताकत मिलती थी। 

लसोड़ा हैजा या कालरा रोग में लाभदायक - Lasoda is beneficial in cholera or cholera disease

लसोड़ा हैजा रोग में भी लाभकारी सिद्ध होता है।हैजा या कालरा रोग में लसोड़ा के फायदे के लिए लसोड़ा की छाल को चने की भूसी के साथ पीसकर पिलाने से हैजा रोग में लाभ होता है।

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लसोड़ा अतिसार रोगियों के लिए फायदेमंद - Lasoda is beneficial for diarrhea patients

लसोड़ा अतिसार रोग में रोगियों के लिए उपयोगी होता है।अतिसार रोग में इसके फायदे के लिए इसकी छाल को पानी में घिसकर पिलाने से अतिसार रोग में रोगियों के लिए लाभ पहुंचाता है।

लसोड़ा ज्वर रोग में उपयोगी - Useful in lasoda fever disease

लसोड़ा ज्वर रोगियों के लिए भी फायदेमंद होता है क्योंकि लसोड़ा के फल के अर्क में एन्टी फीवर(ज्वर) गुण पाया जाता है।जो बुखार से लड़ने में मदद करता है।।      

लसोड़ा प्रदर रोग में लाभदायक - Lasoda Beneficial in leucorrhoea

लसोड़ा प्रदर रोगियों के लिए लाभकारी होता है इसके लिए लसोड़ा के कोमल पत्तियों को तोड़कर उनका रस निकालकर प्रदर रोगियों को पिलाने से लाभ मिलता है।

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लसोड़ा लिवर रोगियों के लिए लाभकारी - Lasoda is beneficial for liver patients

लसोड़ा लिवर रोगियों के लिए लाभदायक सिद्ध हो सकता है क्योंकि लसोड़ा में रेजिन, गम्स, कौमारीन्स, टेरपिनोइडस, एल्कलॉइडस फेनोलिक एसिड्स,ग्लाइकोसाइडस फ्लेवोनोइड्स, सैपोनिन्स, स्टेरोल्स और तेल की उपस्थिति पायी जाती है।म्यूसिलेज में लिवर हीलिंग के गुण होने की सम्भावना होती है। 

लसोड़ा उच्च रक्तचाप के लिए फायदेमंद - Lasoda is beneficial for high blood pressure

लसोड़ा उच्च रक्तचाप के लिए उपयोगी साबित होता है क्योंकि लसोड़ा में उच्च रक्तचाप रोधी गुण पाया जाता है।जिससे यह उच्च रक्तचाप रोगियों के लिए फायदेमंद होता है।लसोड़ा के फल के सेवन करने से आक्सीडेसिव तनाव को भी नियंत्रित करने में मदद मिलती है।

लसोड़ा गठिया रोग में उपयोगी - Lasoda is useful in arthritis

लसोड़ा गठिया रोग में फायदेमंद साबित होता है।क्योंकि लसोड़ा के बीज और पत्तों में एनाल्जेसिक गुण पाया जाता है जो गठिया और जोड़ों के दर्द में लाभकारी सिद्ध होता है।

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लसोड़ा अल्सर के लिए लाभदायक - Beneficial for lasoda ulcer

लसोड़ा अल्सर के लिए लाभकारी हो सकता है क्योंकि लसोड़ा में एंटी अल्सर गुण पाया जाता है।जिससे अल्सर के उपचार में लाभ मिलता है। अल्सर के उपचार के लिए लसोड़ा के फलों का उपयोग किया जाता है, क्योंकि इसके फल में अल्सर को रोकने के कुछ आवश्यक गुण पाये जाते हैं।

लसोड़ा टूटी हुई हड्डियों में फायदेमंद - Lasoda is beneficial in broken bones

लसोड़ा टूटी हुई हड्डियों के लिए  लाभदायक सिद्ध हो सकता है क्योंकि लसोड़ा के पेड़ की छाल को निकालकर धूप में सूखा कर कूट पीस कर पाउडर बना लें।इसी पाउडर को प्लास्टर बांधते समय प्लास्टर पर लगाने के लाभ मिलता है ।

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लसोड़ा के नुकसान - Disadvantages of Lasoda

लसोड़ा का ज्यादा मात्रा में सेवन हानिकारक प्रभाव डाल सकता है।इसके अलावा भी लसोड़ा का कुछ हानिकारक प्रभाव पड़ता है जो इस प्रकार है ।-

  • लसोड़ा का ज्यादा मात्रा में सेवन जिगर और आमाशय के लिए खतरनाक साबित हो सकता है।
  • लसोड़ा का सेवन उन व्यक्ति को नहीं करना चाहिए जिसको एलर्जी होती है।
  • लसोड़ा का सेवन उचित मात्रा में ही करना चाहिए।
  • किसी विशेष प्रकार की दवाई का सेवन करने वाले व्यक्तियों को लसोड़ा का सेवन डॉक्टर की सलाह पर करना चाहिए।

नोट :

      लसोड़ा का सेवन किसी बीमारी का स्थायी समाधान नहीं है।लसोड़ा का सेवन सिर्फ बीमारी के प्रभाव को कम कर सकता है । स्थायी समाधान एक अच्छा चिकित्सक ही कर सकता है।

लसोड़ा के सेवन से शरीर में किसी भी प्रकार की एलर्जी या समस्या हो तो इसका सेवन तुरंत बंद कर देना चाहिए।और एक अच्छे चिकित्सक से सम्पर्क स्थापित करना चाहिए। 

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Milan Tomic

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