सेम की फली खाने के फायदे और नुकसान/sem ki fali khane ke fayde aur nuksan

 सेम की फली का वैज्ञानिक नाम लैबलैब परपुरियस (lablab purpureus) हैं।सेम की फली फैबसी /लैगूमिनोजी (fabaceae/leguminosae)कुल का पौधा है।सेम को अंग्रेजी भाषा में फ्लैट बीन(flat bean) इजिप्शियन किडनी बीन (Egyptian Kidney Bean ),पर्पल हाईसिंथ (purple hyacinth),बोनोविस्ट बीन(Bonovist bean)इंडियन बीन(indian bean),हाईसिंथ बीन(Hyacinth bean)के नाम से जाना जाता हैं।और इसे हिंदी में निष्पाव, भटवासु, बल्लार,और सेम की फली कहते हैं।हिन्दुस्तान के अलग अलग राज्यों में सेम की फली के अलग अलग नाम है।सेम की फली एक हरी फली के रूप में जानी जाती है।  इसे सेम एक प्रकार की लता है।जिसकी फलियों को खाने में उपयोग किया जाता है।सेम की फली में बहुत ज्यादा मात्रा में पौष्टिक तत्वों के पाये जाने के कारण इसे आयुर्वेद में औषधि के रूप में स्तेमाल किया जाता है।इसकी खेती सबसे पहले अफ्रीका में की गई थी और अब उत्तरी अफ्रीका और एशिया में व्यापक रूप से इसकी खेती की जाती है। इसकी लता लंबी जमीन पर पर फैलने वाली होती है। इसकी पत्तियां वैकल्पिक, त्रिभुज और 7.5 - 15 सेमी लंबी होती हैं। इसके फूल बैंगनी या सफेद होते हैं। इसकी फली 4 से 5 सेमी लंबी होती है जो टेढ़ी और चिकनी होती है। सेम की प्रत्येक फली में 4-6 बीज होते है, जो अंडाकार और 1सेमी लंबे होते है। इसके बीज सफेद, क्रीम, पीले भूरा, गहरे भूरे रंग, लाल, काले होते हैं। इसका उपयोग सब्जी बनाने के लिए किया जाता है। 

सेम की फली खाने के फायदे, सेम की फली के फायदे, सेम की फली खाने के फायदे और नुकसान
सेम की फली खाने के फायदे और नुकसान

सेम की फली में कॉपर, आयरन,मैग्निशियम, फॉस्फोरस, प्रोटीन, कैल्शियम आदि अनगिनत पौष्टिकताएं होती है। सेम की सब्जी बनाकर खाने से भी कुछ हद तक इसकी पौष्टिकताओं का फायदा मिल सकता है साथ ही बीमारियों से भी राहत मिलने में मदद मिल सकती है। सेम मधुर, थोड़ा कड़वा , गर्म तासीर होने के कारण भारी भी होता है। सेम कफ , वात और पित्त को कम करने के साथ स्पर्म काउन्ट कम करता है लेकिन ब्रेस्ट का साइज बढ़ाने में मदद करता है। इसके अलावा सेम पेट फूलना, एसिडिटी तथा विष का असर कम करने वाला होता है। चलिये सेम के बारे में विस्तार से आगे जानते हैं।

सेम की फली स्वस्थ पाचन तंत्र के लिए फायदेमंद साबित होता है क्योंकि इसमें फाइबर की मात्रा पायी जाती है ।फाइबर पाचन में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। अघुलनशील फाइबर मल को बल्क प्रदान करता है और शरीर से अपशिष्ट पदार्थों को निकालने के लिए समय की गति बढ़ाता है। यह सूजन,कब्ज और अपच को रोकने में मदद करता है। घुलनशील फाइबर पानी को अवशोषित करके पाचन को बढ़ाता है जिसमें एक चिपचिपा पदार्थ होता है जो कि पाचन तंत्र में बैक्टीरिया से उत्पन्न होता है। 

सेम की फली वजन नियंत्रित करने के लिए उपयोगी -bean pods useful for weight control

सेम की फली वजन नियंत्रित करने के लिए उपयोगी साबित होता है क्योंकि इसमें फाइबर भरपूर मात्रा में पाया जाता है। आहार में फाइबर की भरपूर मात्रा लेने से ज्यादा देर तक पेट भरा रहने का एहसास होता है और लंबे समय तक भूख नहीं लगती। इस वजह से व्यक्ति कम खाता है और वजन नियंत्रित करने में मदद मिलती है । वजन कम करने के डाइट के लिए यह एक उत्तम आहार हो सकता है।

सेम की फली बुखार में उपयोगी - Bean pods useful in Fever 

सेम बीजों का काढ़ा बनाकर 15-30 मिली काढ़े में 1 ग्राम सोंठ मिलाकर पीने से ज्वर या बुखार के लाभ होता है।

सेम की फली मांसपेशियों के लिए उपयोगी साबित होता है क्योंकि इसमें पोटैशियम पाया जाता है जो मांसपेशियों की ऐंठन दूर करने और मांसपेशियों की ताकत को बढ़ाने के लिए फायदेमंद होता है । यह प्रोटीन और कार्ब को तोड़ने में मदद करता है जो मांसपेशी की रिपेयर और ऊर्जा के लिए निर्भर करता है।

सेम की फली नींद के लिए उपयोगी होता है क्योंकि सेम की फली में मैग्नीशियम पाया जाता है जो कम भोजन और कम पोषक तत्व का अवशोषण अनिद्रा का कारण होता है। मैग्नीशियम की पर्याप्त मात्रा नींद, कम स्तर के कोर्टिसोल और मेलाटोनिन की उच्च सांद्रता को बढ़ाने में मदद करती है जो तनाव से संबंधित होती है। शोध से पता चलता है कि मैग्नीशियम की खुराक अनिद्रा के लक्षणों को कम करती है, नींद के समय में सुधार, नींद की दक्षता को बढ़ाती है। 

सेम की फली दाद और खुजली में फायदेमंद - Bean bods beneficial in ringworm 

दाद की समस्या है तो वहां सेम के पत्ते का रस लगायें। इससे दाद या रिंगवर्म जल्दी ठीक होता है।कभी-कभी एलर्जी के कारण खुजली की समस्या होती है। सेम के पत्ते के रस को खुजली वाले जगह पर लगाने से परेशानी कम होती है।

सेम की फली ताकत के लिए फायदेमंद होता है क्योंकि इसमें आयरन पाया जाता है जो कोशिकाओं को ऑक्सीजन परिवहन में मदद करता है। शरीर से पोषक तत्वों को अवशोषित करने तथा भोजन से मिलने वाले प्रोटीन को डाइजेस्ट करने का काम  करता है। आयरन की कम उपस्थिति से सुस्ती, कम सक्रिय और थकावट पैदा होती है। आयरन की कमी के लक्षण मूड परिवर्तन, कम एकाग्रता और मांसपेशी में समन्वय (co-ordination) समस्याऐ होती है। 

 सेम की फली स्वस्थ मसूड़ों के लिए उपयोगी होता है क्योंकि इसमें विटामिन और खनिज उचित मात्रा पायी जाती है।विटामिन डी, कैल्शियम और फास्फोरस जॉव-अस्थि खनिज घनत्व, टुथ इनेमल का समर्थन करके हड्डी स्वास्थ्य के लिए आवश्यक है।विटामिन और खनिज दांत क्षय (टुथ डिके) को ठीक करने में मदद करते हैं। बच्चों को कैल्शियम और फास्फोरस में परिपूर्ण खाद्य पदार्थों की आवश्यकता होती है जो दांतों की कड़ी संरचना बनाने में मदद करते हैं। फास्फोरस के साथ, शरीर में कैल्शियम को संतुलित करने के लिए विटामिन डी आवश्यक होता है। विटामिन डी मसूड़ों की सूजन को कम कर देता है जो कि अवधिगत गम रोग (periodontal gum disease) से संबंधित है।

सेम की फली दिमाग को ताजा बनाने के लिए उपयोगी होता है।क्योंकि इसमें प्रोटीन की संतुलित मात्रा पायी जाती है। प्रोटीन खाद्य पदार्थ में अमीनो एसिड होता है जो हार्मोन संतुलन, मूत्र विकार दूर करने ,दिमाग को ताजा करने और चिंता का उपचार करने के लिए आवश्यक हैं। प्रोटीन न्यूरोट्रांसमीटर के कार्यों में सहायता करता है और हार्मोन जैसे सरेरोटोनिन और डोपामाइन को संयोजित करता है जो हमें शांत करने में मदद करते हैं। प्रोटीन ग्लूकोज को संतुलित करते हैं और चिड़चिड़ापन, मनोदशा और लालच को रोकते हैं जो रक्त शर्करा के स्तर में उतार-चढ़ाव के साथ जुड़ा हुआ है। 

सेम की फली दिमाग के लिए फायदेमंद होता है।मस्तिष्क मार्ग जैसे कि गैलेक्टोज और डोपामाइन के लिए कॉपर आवश्यक है जो मूड, दृष्टिकोण और ध्यान को बनाए रखने में मदद करता है। तांबे की कमी थकान, खराब मूड, एकाग्रता की समस्या और कम चयापचय का कारण बनती है। यह एंटीऑक्सीडेंट मुक्त कणों के कारण होने वाले नुकसान को रोकता है और बुढ़ापे की प्रक्रिया, न्यूरो-डिजेनरेटिव बीमारी और कैंसर को धीमा कर देता है।

      सेम की फली हृदय स्वास्थ्य के लिए उपयोगी होता है क्योंकि इसमें प्रोटीन, फाइबर और एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होता है। खाना खाने के बाद शरीर में शुगर के बढ़ते स्तर की वजह से इन्फ्लेमेशन और ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस की समस्या उत्पन्न हो सकती है। यह इन्फ्लेमेशन और ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस मधुमेह और हृदय रोग का कारण भी बना सकते हैं। इसलिए सेम की फली का सेवन करने से इस समस्या से बचा जा सकता है एसिटाइलकोलाइन(acetylcholine) के उत्पादन के लिए विटामिन बी 1 महत्वपूर्ण है जो एक न्यूरोट्रांसमीटर है जो तंत्रिकाओं से मांसपेशियों तक संदेश पहुंचाता है। दिल इन संकेतों पर निर्भर करता है। ऊर्जा का समुचित उपयोग तंत्रिकाओं और मांसपेशियों के बीच संकेत प्रदान करने में मदद करता है। अध्ययनों से पता चलता है कि विटामिन बी1 दिल की बीमारी का सामना करने में मदद और दिल की विफलता का भी इलाज करता है। 

सेम की फली कोलेस्ट्रॉल कम करने के लिए उपयोगी - Bean Pods Useful for Lowering Cholesterol

काले सेम की फली कोलेस्ट्रॉल कम करने के लिए उपयोगी होता है।  काले सेम के अनाज के भीतरी भाग में हाइपोकोलेस्टेरोलेमिक कंपाउंड (कोलेस्ट्रोल को कम करने वाले गुण) पाए जाते है। 

सेम की फली सूजन में फायदेमंद - Bean pods Beneficial in inflammation

सेम बीजों को पीसकर सूजन वाले स्थान पर लगाने से सूजन से जल्दी आराम मिलता है।

 सेम की फली कैंसर में फायदेमंद होता है।क्योंकि इसमें पर्याप्त मात्रा में जिंक उपस्थित होता है।जिंक में एंटीऑक्सिडेंट और सूजन को कम करने वाले गुण होते हैं जो ऑक्सीडेटिव तनाव को रोकने और रोगों के जोखिम को कम करने में मदद करते हैं। जिंक स्वस्थ कोशिका विभाजन में सहायता करता है, कोशिकाओं के उत्परिवर्तन (mutation) और ट्यूमर (कैंसर) के विकास को रोकता है। जस्ता का पर्याप्त सेवन संक्रमण और दुष्प्रभावों के साथ ऑक्सीडेटिव तनाव को कम करता है। इसमें प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ावा देने की क्षमता है। 

सेम की फली श्वसन विकार में फायदेमंद होता है क्योंकि इसमें खनिज पदार्थ(सेलेनियम, मैगजीन और जस्ता )पर्याप्त मात्रा में पाया जाता है।खनिज पदार्थ ( सेलेनियम, मैंगनीज और जस्ता )फेफड़े के विकार (लंग डिसऑर्डर) जैसे पुराने अवरोधक फुफ्फुसीय रोग (chronic obstructive pulmonary disease) से पीड़ित लोगों की सहायता करते हैं। ऑक्सीडेटिव तनाव श्वसन विकार और पुरानी प्रतिरोधी फुफ्फुसीय रोग का कारण है। मैंगनीज ऑक्सीडेटिव तनाव को कम करने में सक्षम है और साथ ही सूजन का उत्पादन करके फेफड़ों को ठीक करने में मदद करता है। 

सेम की फली गले के दर्द के लिए उपयोगी - Bean pods useful for sore throat

मौसम के बदलाव के साथ गले में दर्द , सर्दी-खांसी जैसी बहुत सारी समस्याएं होने लगती है। गले के दर्द से आराम पाने में सेम की फली का ऐसे सेवन करने पर आराम मिलता है। 5-10 मिली सेम के पत्ते के रस का सेवन करने से गले का दर्द कम होता है।

सेम की फली दस्त में फायदेमंद -bean pods beneficial in diarrhea

अगर खान-पान में बदलाव के कारण दस्त हो रहा है तो सेम के बीजों का काढ़ा बनाकर 10-30 मिली मात्रा में सेवन करने से उल्टी, दस्त, मूत्र संबंधी समस्या एवं पेट के दर्द से लाभ मिलता है।

सेम के पत्ते पेट दर्द में फायदेमंद - Bean leaves beneficial in stomach pain

ज्यादा मसालेदार खाना खाने से पेट में गैस हो जाता है जिसके कारण पेट में दर्द होने लगता है। इस परिस्थिति में सेम के पत्तों को पीसकर पेट पर लगाने से पेट के दर्द में आराम मिलता है ।

सेम की फली पेट फूलने की समस्या में उपयोगी - Bean pods useful in flatulence problem

अगर अपच के कारण पेट फूलने की समस्या होती है तो उसमें सेम बहुत काम आता है। सेम के बीजों को आग में भूनकर खाने से आध्मान या पेट फूलने की समस्या में लाभ होता है।

सेम की फली अल्सर में फायदेमंद -Bean pods Beneficial in ulcers

सेम की फली अल्सर का घाव सूखाने में बहुत काम आता है। राजशिम्बी के बीजों को भैंस के दूध में पीसकर शाम के समय अल्सर पर लगाना चाहिए इस तरह लगाने से अल्सर का घाव शीघ्र भर जाता है; क्योंकि शाम के समय गर्मी कम होती है।

सेम की फली का उपयोगी भाग - Useful Part of Bean pods 

आयुर्वेद में सेम के फली, बीज तथा पत्ते का इस्तेमाल सबसे ज्यादा किया जाता है। 

  • सेम की फली का सेवन भोजन के रूप से बिना पकाये नहीं करना चाहिए। कच्ची और ज्यादा मात्रा में खाए जाने पर पेट की समस्याएं पैदा हो सकती है ।
  • हर्बल फली उबालते या खाना पकाने के दौरान, संभवतः कई बार पानी को बदला जाना चाहिए। 
  • गर्भावस्था और स्तनपान के दौरान सेम के उपयोग के बारे में पर्याप्त जानकारी नहीं है। इसलिए गर्भवती महिलाओं को सुरक्षित रहने के लिए इसके उपयोग से बचें।
  • फ्लू या ठंड से पीड़ित लोग सेम की फली के प्रयोग से बचें। 
  • सेम की फली के सूखे बीज में उच्च मात्रा में साइनाोजेनिक ग्लुकोसाइड पाया जाता है। इसलिए इसे विषाक्त माना जाता है।
SHARE

Milan Tomic

Hi. I’m Designer of Blog Magic. I’m CEO/Founder of ThemeXpose. I’m Creative Art Director, Web Designer, UI/UX Designer, Interaction Designer, Industrial Designer, Web Developer, Business Enthusiast, StartUp Enthusiast, Speaker, Writer and Photographer. Inspired to make things looks better.

  • Image
  • Image
  • Image
  • Image
  • Image
    Blogger Comment
    Facebook Comment

2 comments: