पुदीना खाने के फायदे और नुकसान/pudina khane ke fayde aur nuksan

पुदीना का वैज्ञानिक नाम (वानस्पतिक नाम)मेन्था स्पाईकेट आ(mentha spicata)है।पुदीना लेमिएसी कुल का पौधा है।पुदीना को अंग्रेजी english में पेप्परमिंट(peppermint) कहते हैं।और इसे हिंदी में पुदीना कहते हैं।पुदीना एक बहुत मशहूर औषधि है। यह चूइंग-गम, कैंडी, टूथपेस्ट और माउथवॉश में स्वाद लाने के लिए अति लोकप्रिय है। परंतु क्या आप जानते हैं, स्वाद लाने के साथ-साथ यह आपके सेहत में भी सुधार लाता है।

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पुदीना खाने के फायदे और नुकसान

पुदीना की कई प्रजातियां हैं लेकिन औषधि और आहार के लिए मेन्था स्पिकटा लींन की प्रजाति का ही प्रयोग किया जाता हैं।इस पुदीने को पहाड़ी पुदीना भी कहा जाता है क्योंकि यह पहाड़ो पर अधिक पाया जाता है।आयुर्वेद के अनुसार पुदीना कफ और वात दोष को कम करता है और भूख बढ़ाता है।पुदीना का उपयोग मल मूत्र संबंधित बीमारियो और शरीरिक कमजोरी दूर करने के लिए भी कर सकते है।यह दस्त ,पेचिश, बुखार, पेट के रोग, लिवर आदि विकार को दूर करने के लिए प्रयोग में लाया जाता है।

यह चिकित्सा जगत में प्रचलित रूप से अरोमाथेरपी में उपयोग किया जाता है। आप पुदीने का इस्तेमाल पत्ते, तेल, चाय आदि के रूप में कर सकते हैं।

पुदीना शरीर और मन पर ठंडा और शांत प्रभाव छोड़ता है, जिसकी मुख्य वजह इसमें मौजूद मेन्थॉल है।
यह जड़ी बूटी मैंगनीज, तांबा और विटामिन सी  का एक अच्छा स्रोत है। इसके अलावा यह एंटीऑक्सीडेंट, जीवाणुरोधी, एंटीवायरल आदि गुणों की वजह से भी जाना जाता है।
स्वास्थ्य में सुधार लाने के लिए आप पुदीने से बनी चाय या फिर सूप-सलाद का भी सेवन आकर सकते हैं।

पुदीना पाचन क्रिया के लिए उपयोगी - peppermint useful for Digestion system  

पुदीना आमतौर एवं प्रचलित रूप से अपच का इलाज से करने के लिए उपयोगी है । यह पेट की मांशपेशियों को रिलैक्स करने में मदद करता है, पित्त रस के प्रवाह को बढ़ाता है और समग्र पाचन क्रिया में सुधार लाता है। यह पाचन क्रिया को उत्तेजित करने के लिए पाचक एन्ज़ाइम्स के उत्पादन को बढ़ावा देता है। 


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  • पुदीना कान दर्द के लिए फायदेमंद  -   peppermint beneficial for Ear pain

    पुदीना कान संबंधी समस्याओं जैसे कान दर्द आदि में पुदीना से जल्दी आराम मिलता है। कभी-कभी ठंड लगने पर या कान में पानी चले जाने पर कान में दर्द होने लगता है। ऐसे में पुदीना का रस कान में डालने से आराम मिलता है। आपको पुदीना के पत्ते का रस निकालना है, और इसे 1-2 बूंद कान में डालना है।

पुदीना का रस मुहासों के लिए उपयोगी - peppermint useful for Acne 

पुदीने में प्रचुर मात्रा में एंटी-इंफ्लेमेटरी, जीवाणुरोधी और एंटीऑक्सीडेंट गुण पाए जाते हैं जो मुहांसों वाली त्वचा पर चमत्कार दिखाते हैं। यह सीबम के उत्पादन को कम करने में मदद करता है। इस जड़ी बूटी को खुजली और संक्रमित त्वचा को शांत करने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है। 

मुहांसों को जड़ से मिटाने के लिए -

  • पुदीने के ताज़ा निकाले हुए रस को अपनी त्वचा पर रगडें। 15-20 मिनट के लिए इसे छोड़ दें और फिर ठन्डे पानी से धो लें। त्वचा की स्थिति में सुधार ना आने तक इस विधि को दिन में दो बार दोहराएं।
  • इसके अलावा आप सीधा पुदीना का तेल भी प्रभावित क्षेत्र पर दिन में तीन-चार बार लगा सकते हैं।

पुदीना बालों के विकास के लिए उपयोगी - peppermint useful for hair growth 

पुदीना हमारे बालों के विकास के लिए अत्यंत फायदेमंद है। यह बालों के विकास को बढ़ावा देता है और रुसी का भी जमकर विरोध करता है। यह सिर की त्वचा के पी.एच. स्तर को भी संतुलन में रखता है।

बालों के विकास में वृद्धि लाने के लिए -

  • पुदीने के तेल की कुछ बूँदें जैतून के तेल, नारियल तेल या अपनी पसंद के किसी भी अन्य तेल में मिलाएं।
  • इस मिश्रण से अपने बालों और सिर की मालिश करें और कम से कम 45 मिनट के बाद अपने बालों को शैम्पू से धोएं।
  • इस प्रक्रिया को हर सप्ताह एक या दो बार दोहराएं। 
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 पुदीना का तेल शरीर को चिंता मुक्त करने के लिए उपयोगी - Peppermint oil useful for body stress 

पुदीने की स्फूर्तिदायक महक आपको तनाव से तो मुक्त कराता ही है परंतु साथ ही में यह आपकी मानसिक थकान को भी दूर करता है। इसके अलावा इसका शांत कर देने वाला स्वभाव आपको रिलैक्स करने में और अच्छे से सोचने में मदद करता है।

तो अगली बार जब आप स्ट्रेस में हो तो -

  • एक रुमाल पर पुदीने के तेल की कुछ बुँदे गिराए और उसकी मनोहर महक को सूँघ कर अच्छा महसूस करें। यह आपके मस्तिष्क को तरो-ताज़ा कर देता है और आपके तनाव को कम कर देता है।
  • अपने नहाने के पानी में पुदीने के तेल की कुछ बुँदे मिलाएं और उससे स्नान कर प्रफुल्लित महसूस करें। आपके नहाने के पानी में, इसके तेल की बजाय पुदीने की कुछ ताज़ी पत्तियां भी मिला सकते हैं।
  • पुदीना इर्रिटेबल बोवेल सिंड्रोम के उपचार के लिए फायदेमंद - peppermint beneficial for Irritable bowel syndrome 

पुदीना पेट दर्द, ब्लोटिंग इत्यादि इर्रिटेबल बोवेल सिंड्रोम (आई.बी.एस. ) के लक्षणों से राहत दिलाने में सक्षम होता है। डाइजेस्टिव एंड लिवर डिसीज़स जर्नल 2007 के एक अध्ययन में शोधकर्ताओं ने पाया कि पुदीने के तेल से 4 सप्ताह उपचार करने से आई.बी.एस.के रोगियों में पेट के लक्षणों में सुधार हो सकता है।

आई.बी.एस. के लक्षणों से राहत पाने के लिए :-
रोजाना दिन में कई बार पुदीने की चाय पियें।
डॉक्टर से सलाह लेने के बाद आप दिन में दो बार एक महीने के लिए पुदीने के कैप्सूल का भी सेवन कर सकते हैं। 


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पुदीना चाय सर दर्द में फायदेमंद - peppermint tea beneficial in headache 

पुदीना कई तरह के सिर दर्द से आराम दिलाने में भी सहायक है। विशेष रूप से यह माइग्रेन और तनाव संबंधित सर दर्द के उपचार के लिए इस्तेमाल किया जाता है। इसमें कुछ ख़ास एनलजेसिक प्रभाव होते हैं जो दर्द को कम करने में सक्षम होते हैं। यह रक्त-प्रवाह में भी सुधार लाता है और तनाव ग्रस्त माशपेशियों को शांत करता है। पुदीने के तेल की मनोहर सुगंध का स्मरण-शक्ति एवं एकाग्रता पर सकरात्मक प्रभाव पड़ता है।

सिर दर्द को दूर करने के लिए -

  • जोजोबा के तेल, जैतून के तेल या फिर किसी भी तेल में तीन बूँद पुदीने का तेल मिलाएं और अपने गर्दन के पिछले हिस्से और कनपटी पर लगाएं। 5-10 मिनट के लिए मसाज करें और इसके तेल की सुगंध का भी मजा लें क्योंकि इसकी सुगंध का भी सिर दर्द पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
  • आप एक कप पुदीने की चाय भी पी सकते हैं।

पुदीना मूत्र विकार के लिए उपयोगी - peppermint useful for Urinary disorder 

पुदीना मूत्र विकार के लिए उपयोगी होता है।अगर पेशाब करते वक्त दर्द या जलन होता है तो 500 मिग्रा पुदीना के पत्ते में 500 मिग्रा काली मिर्च को पीस लें। इसे छानकर मिश्री मिलाकर पुदीना की चाय की तरह पिएं। इससे मूत्र विकार ठीक होते हैं।

पुदीना के पत्तों का काढ़ा बना लें। इसे 10-20 मिली की मात्रा में पीने से गठिया का दर्द कम होता है।

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पुदीना हाथीपांव (फाइलेरिया)रोग के लिए उपयोगी- peppermint useful for filariasis

श्लीपद या हाथीपांव होने पर पैर हाथी की तरह फूल जाता है, और दर्द के कारण चलना-फिरना मुश्किल हो जाता है। हाथीपांव के दर्द से राहत पाने के लिए पुदीना का काढ़ा बना लें। इसे 15-20 मिली की मात्रा में सेवन करें।

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पुदीना घाव सुखाने के लिए उपयोगी - peppermint useful for heals ulcer 

पुदीना के पत्ते को पीसकर लेप लगाने से ना सिर्फ घाव से आने वाला दुर्गंध कम होता है, बल्कि घाव भी जल्दी भरता है। इसके अलावा पुदीना के पंचांग का काढ़ा बना लें। इससे घाव को धोने से भी घाव जल्दी भरता है।

  • पुदीना मौखिक स्वास्थ्य के लिए उपयोगी - peppermint useful for oral health 

    पुदीने के एंटी-बैक्टीरियल गुण, मुँह में बैक्टीरिया के विकास को रोकते हैं और दांतो की सड़न एवं मसूढ़े की बीमारी से बचाव करते हैं। इसके अलावा यह आपकी सांस को भी तरो-ताजा कर देता है।

    मौखिक विकारों को दूर रखने के लिए -

    • रोजाना चार-पाँच पुदीने की पत्तियां चबाएं।
    • आप पुदीना-युक्त मंजन का भी इस्तेमाल कर सकते हैं।
    • आप पुदीने की चाय का कुल्ला करने के लिए भी इस्तेमाल कर सकते हैं।

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    पुदीना अस्थमा के लिए फायदेमंद - peppermint beneficial for Asthma 

    पुदीना एलर्जी एवं अस्थमा एलर्जी एवं अस्थमा से बचाव के लिए -

    • रोजाना कुछ कप पुदीने की चाय पियें।
    • पुदीने के तेल की कुछ बूंदें नारियल तेल में मिक्स करें और इसे अपने छाती, नाक और गर्दन पर लगाएं। इससे आपको सांस लेने में आसानी होगी। आप यही प्रक्रिया साइनस के उपचार के लिए भी कर सकते हैं।
    • यदि आप कफ से ग्रस्त है तो एक कंटेनर में गर्म पानी डालें और उसमें कुछ बूँद पुदीने के तेल की मिलाकर भाप ले।पुदीना कफ को कम करता है और फेफड़े, वायुनालियाँ या श्वास नलियो से बलगम को बाहर निकाल अस्थमा  से राहत दिलाता है।पुदीना में एन्टी इंफ्लेमेटरी, एंटीऑक्सीडेंट और रोगाणुरोधी गुण होते है जो एलर्जी प्रतिक्रियाओं के लिए फायदेमंद है।
    • पुदीना उबकाई को कम करने के लिए उपयोगी - peppermint useful for nausea 

    • पुदीना उबकाई और उल्टी को कम करने के लिए फायदेमंद साबित होता है । पुदीना पाचन क्रिया के लिए आवश्यक एन्ज़ाइम्स को सक्रिय करता है, जिससे उबकाई बहुत हद तक कम हो जाती है। 

      उबकाई को कम करने के लिए :-

      • पुदीना का तेल मांसपेशियों के लिए फायदेमंद - peppermint oil beneficial for muscle 

      • पुदीना का तेल मांसपेशियों के लिए फायदेमंद है क्योंकि पुदीने में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण पाए जाते हैं जो मांसपेशियों में हो रहे दर्द से राहत दिलाने में सहायक हैं। पुदीना मांसपेशियों में रक्त-प्रवाह को बढ़ा दर्द को कम करता है। मेंथोल, पुदीने के आवश्यक तत्वों में से एक है जो मांसपेशियों में हो रही सूजन को शांत करने में सक्षम है।

        मांसपेशियों में हो रहे दर्द से छुटकारा पाने के लिए - 

        • जैतून के तेल या फिर बादाम के तेल में पुदीने का तेल मिला प्रभावित क्षेत्र की आराम से मालिश करें।
        • आप प्रभावित मांसपेशी पर पुदीना-युक्त मरहम भी लगा सकते हैं।

        • पुदीना मुंह के छाले कम करने के लिए उपयोगी - peppermint useful for mouth ulcer reduce 

          पुदीना मुँह के छालों के लिए फायदेमंद है। मुंह के छाले की परेशानी में पुदीने के पत्ते का काढ़ा बना लें। इससे गरारा करने से मुंह के छाले की समस्या ठीक होती है।

          और पढ़ें: कद्दू खाने के लाभ और उसके हानिकारक प्रभाव

          पुदीना दांतों के दर्द में फायदेमंद - peppermint beneficial in tooth pain     

          पुदीना दाँतो के दर्द में फायदेमंद साबित होता है।  पुदीने के पत्ते का चूर्ण बनाकर दांत को मांजने से दाँतो का दर्द कम होता है। पुदीने के औषधीय गुण (pudina ke fayde) दाँत दर्द को कम करने में मदद करते हैं। पुदीना के लाभ दर्द से राहत दिलाने में बहुत मदद करता है।

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          पुदीना सांस नली की सूजन को कम करने के लिए उपयोगी  - peppermint useful for Rid of Respiratory  Tract Inflammation 

          ठंड लगने पर सांस की नली अक्सर सूज जाती है और फिर गले में दर्द होने लगता है। इससे आराम पाने के लिए पुदीने के पत्ते का काढ़ा बनाकर 10-15 मिली सेवन करने से सांस की नली की सूजन से आराम मिलती है।

          • हालांकि आमतौर पर पुदीने का सेवन करना सुरक्षित माना जाता है, इसका इस्तेमाल थोड़ी मात्रा में ही करें।
          • इसे किसी भी रोग का इलाज करने के लिए प्रयोग करने से पहले एक डॉक्टर से परामर्श करने की सलाह दी जाती है।
          1. जिन लोगों का पित्त पथरी (Gallstones) रोग का इतिहास है, उन्हें इस जड़ी बूटी का उपयोग नहीं करना चाहिए।
          2. उच्च खुराक में पुदीना लेने से, यह गुर्दे की विफलता (Renal Failure) का कारण बन सकता है।
          3. जिन्हें लो शुगर की समस्या है, वो पुदीने के सेवन से दूर रहें। इसके रस का सेवन रक्त में मौजूद शुगर के स्तर को कम कर सकता है ।
          4. निम्न रक्तचाप के मरीजों को भी इसके सेवन से पहले डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए, क्योंकि इसका मेंथॉल नामक घटक रक्तचाप के स्तर को कम करके समस्या पैदा कर सकता है ।
          5. गर्भावस्था के समय किसी भी प्रकार के नुकसान से बचने के लिए इसके सेवन से पहले संबंधित डॉक्टर की सलाह अवश्य लें।
          6. जिनकी त्वचा सेंसिटिव होती है, उन्हें मेंथॉल से एलर्जी हो सकती है। इसलिए, उन्हें इसके सेवन और संपर्क से दू

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Milan Tomic

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