देवताओं के शिल्पी, निर्माण और सृजन के देवता कहे जाने वाले भगवान विश्वकर्मा की पूजा हर वर्ष सितंबर माह (भाद्रपद माह की कन्या संक्रान्ति )की 17 तारीक को मनाया जाता है।कन्या संक्रांति के दिन भगवान विश्वकर्मा जयंती होती है।इस बार इस दिन पद्म एकादशी पड़ रही है।जिस कारण इस दिन का महत्व अधिक हो जाता है।
विश्वकर्मा पूजा 2021 |
भगवान विश्वकर्मा को ब्रह्मा जी का पुत्र कहा जाता है। इन्होनें स्वर्ग लोक, पुष्पक विमान, द्वारिका नगरी, यमपुरी, कुबेरपुरी आदि का निर्माण किया था। श्रीहरि भगवान विष्णु के लिए सुदर्शन चक्र और भोलेनाथ के लिए त्रिशूल भी भगवान विश्वकर्मा ने ही किया था। इसके साथ ही सतयुग का स्वर्गलोक, त्रेता की लंका और द्वापर युग की द्वारका की रचना भी भगवान विश्वकर्मा ने ही की थी। सनातन धर्म में वर्णित पौराणिक कथाओं व मान्यताओं के अनुसार प्राचीन समय में भगवान विश्वकर्मा को संसार का सबसे पहला और सबसे बड़ा इंजीनियर कहा जाता है।इस दिन सभी कारखानों और औद्योगिक संस्थानों में भगवान विश्वकर्मा की पूजा की जाती है। आइए जानते है विश्वकर्मा पूजा से जुड़ी पूरी जानकारी...
पूजा के लिए शुभ मुहूर्त -Auspicious time for worship
17 सितंबर दिन शुक्रवार की सुबह 6 बजकर 07 मिनट से 18 सितंबर दिन शनिवार को 3 बजकर 36 मिनट तक पूजन कर सकते हैं। केवल राहुकल के समय पूजा निषिद्ध मानी गई है।17 सितंबर को राहुकाल सुबह 10 बजकर 30 मिनट से दोपहर 12 बजे तक रहेगा । बाकी समय पूजा का शुभ योग रहेगा।
विश्वकर्मा की पूजा के लिए ज़रूरी सामग्री लिस्ट- List of Material Required for Worship of Vishwakarma
रोली, पीला अष्टगंध चंदन, लाल सिंदूर, पीला सिंदूर, हल्दी, बड़ी सुपारी, हल्दी (साबुत), लौंग, जनेऊ, इलायची, इत्र, सूखा गोला, जटादार पानी वाला नारियल, धूपबत्ती, अक्षत, रुई की बत्ती, कपूर, देसी घी, कलावा, लाल चुनरी, लाल वस्त्र, बताशा या मिश्री, पीला कपड़ा, लकड़ी की चौकी, दोना, मिट्टी का कलश, मिट्टी की दियाली, हवन कुण्ड, माचिस, आम की लकड़ी, नवग्रह समिधा आदि।
विश्विकर्मा पूजा विधि- Vishwakarma worship method
सुबह उठकर स्नानादि कर पवित्र हो जाएं। फिर पूजन स्थल को साफ कर गंगाजल छिड़क कर उस स्थान को पवित्र करें ।
एक चौकी लेकर उस पर पीले रंग का कपड़ा बिछाएं ।
पीले कपड़े पर लाल रंग के कुमकुम से स्वास्तिक बनाएं।
भगवान गणेश का ध्यान करते हुए उन्हें प्रणाम करें। इसके बाद स्वास्तिक पर चावल और फूल अर्पित करें। फिर चौकी पर भगवान विष्णु और भगवान विश्वकर्मा जी की प्रतिमा या फोटो लगाएं ।
एक दीपक जलाकर चौकी पर रखें। भगवान विष्णु और भगवान विश्वकर्मा जी के मस्तक पर तिलक लगाएं ।
स्नान कर विश्वकर्मा पूजा की सामग्रियों को एकत्रित कर लें।
इसके बाद परिवार के साथ इस पूजा को शुरू करें ।
अगर पति-पत्नी इस पूजा को एक साथ करते हैं तो और भी अच्छा है ।
पूजा के हाथ में चावल लें और भगवान विश्वकर्मा का ध्यान लगायें ।
इस बीच भगवान विश्वकर्मा को सफेद फूल अर्पित करें ।
इसके बाद धूप, दीप, पुष्प अर्पित करते हुए हवन कुंड में आहुति दें ।
इस दौरान अपनी मशीनों और औजारों की भी पूजा करें ।
फिर भगवान विश्वकर्मा को भोग लगाकर प्रसाद सभी को बांट दें ।
विश्वकर्मा जी और विष्णु जी को प्रणाम करते हुए उनका स्मरण करें। साथ ही प्रार्थना करें कि वे आपके नौकरी-व्यापार में तरक्की करवाएं ।
विश्वकर्मा जी के मंत्र का 108 बार जप करें ।फिर श्रद्धा से भगवान विष्णु की आरती करने के बाद विश्वकर्मा जी की आरती करें ।आरती के बाद उन्हें फल-मिठाई का भोग लगाएं ।इस भोग को सभी लोगों में बांटें।
हवन सामग्री -incense burner
हवन कुंड, तिल, गुड़, जौ, कमलगट्टा, शहद, पंचमेवा, ऋतु फल, दही, फूल, दूब घास, तुलसी की पत्ते, फूलों की माला, दूध, प्रसाद के लिए मिठाई
विश्वकर्मा पूजा मंत्र - Vishwakarma Puja Mantra
ओम आधार शक्तपे नम:, ओम कूमयि नम:, ओम अनन्तम नम:, पृथिव्यै नम:।
कुछ बातों का खास ख्याल रखे - take care of some things
1. विश्वकर्मा पूजा करने वाले सभी लोगों को इस दिन अपने कारखाने, फैक्ट्री बंद रखनी चाहिए।
2. विश्वकर्मा पूजा के दिन अपनी मशीनों, उपकरणों औजारों की पूजा करने से घर में बरकत होती है।
3. विश्वकर्मा पूजा के दिन औजारों मशानों का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।
4. विश्वकर्मा पूजा के दिन तामसिक भोजन (मांस-मदिरा) का सेवन नहीं करना चाहिए।
5. अपने रोजगार में वृद्धि के लिए गरीबों असहाय लोगों को दान-दक्षिणा जरूर दें।
6. अपने बिजली उपकरणों गाड़ी की सफाई भी करें।
Nice
ReplyDeleteGood
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