लहसुन खाने के फायदे और नुकसान/lahasun khane ke fayde aur nuksan

 लहसुन को प्लांट तिलिस्मान और रशियन पेनिनसिलिन के नाम से भी जाना जाता है। इसका वानस्पतिक नाम एलियम सैटवुम भी है। इसे अंग्रेजी में गार्लिक कहते हैं। यह पौधा प्याज़ वर्ग का माना जाता है। लहसुन में काफ़ी औषधीय गुण होते हैं और मुख्य रूप से यह इज़रायल, पर्शिया, तिब्बत, ईरान में ख़ूब इस्तेमाल होता है। इसकी वजह यह है कि यह अपने आप में एक नैचुरल एंटी बायोटिक होता है। लहसुन से जुड़ी एक दिलचस्प बात यह है कि मिस्र में पिरामिड का निर्माण करने वाले गुलामों के लिए लहसुन का इस्तेमाल सप्लीमेंट के रूप में किया जाता था। लोग कई बीमारियों का इलाज इससे करते थे। हालांकि मान्यता है कि ज़मीन पर लहसुन राक्षसों के रक्त से बना, इसलिए पूजा पाठ में इसे वर्जित रखा जाता है। लेकिन आयुर्वेद में इसका बहुत महत्व है। ख़ासतौर से जो छह स्वाद का विवरण दिया गया है, उसमें लहसुन का स्वाद भी मौजूद है, लहसुन अपने आप में कई गुण लिए हुए हैं। लहसुन में तीखा, नमकीन, मीठा, कड़वा और कसैलापन होता है। लहसुन की मुख्य रूप से खेती भारत, चीन, यूरोप, ईरान और मेक्सिको में की जाती है। लहसुन की तासीर गर्म होती है, इसलिए कच्चे लहसुन हद से अधिक भी नहीं खानी चाहिए। लहसुन का उपयोग सब्ज़ी बनाते हुए या फिर किसी भी नॉन वेज व्यंजन में करने से स्वाद बढ़ जाता है।

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लहसुन खाने के फायदे और नुकसान

क्या आप जानते हैं कि हमारे किचन में छिपा है सेहत का खज़ाना? जी हां, बस ज़रूरत है इसके बारे में जानने की। इनमें से एक है लहसुन, जो स्वास्थ्यवर्धक होता है और औषधीय गुणों से भरपूर होता है साथ ही आसानी से उपलब्ध भी होता है। लहसुन न केवल पूरे भारत में, बल्कि विश्व के कई देशों में शौक़ से खाया जाता है। हर खाने के स्वाद को बढ़ाने के लिए इससे बेहतरीन विकल्प हो ही नहीं सकते। लहसुन मूल रूप से एशिया से है, लेकिन इसका इतिहास काफी पुराना है। यह एक ऐसा खाद्य पदार्थ है, जो कि संयुक्त राज्य में ख़ूब उगाया जाता है। लहसुन में सिर्फ़ सेहत के ही नहीं, ख़ूबसूरती बढ़ाने के भी कई गुण हैं। तो आइये जानते हैं, लहसुन के बारे में वो तमाम बातें, जो हमें जाननी चाहिए।

लहसुन पाचन क्रिया के लिए फायदेमंद - Garlic beneficial for Digestion system 

लहसुन पाचन शक्ति को बढ़ाने के लिए पेट के कार्यों को नियंत्रित करता है।पाचन तंत्र के लिए सबसे फायदेमंद खाद्य पदार्थों में से एक लहसुन है। यह लिम्फ पर लाभकारी प्रभाव डालता है और साथ ही शरीर में मौजूद घातक पदार्थ को खत्म करने में सहायता करता है। यह पाचन रस के स्राव को बढ़ाता है। लहसुन की कलियों को कुचलकर लौंग, पानी या दूध में डाला जा सकता है और पाचन के सभी प्रकार के विकारों के लिए लिया जा सकता है।

लहसुन आंत पर एक बहुत ही चिह्नित प्रभाव पैदा करता है। यह एक कीड़े एक्सपेलर के रूप में एक उत्कृष्ट एजेंट है। यह दस्त के विभिन्न रूपों पर भी एक सुखद प्रभाव पड़ता है। कोलाइटिस, डाइसेंटरी और कई अन्य आंतों के अप्सेट्स जैसी समस्याओं का सफलतापूर्वक ताजा लहसुन या लहसुन कैप्सूल के साथ इलाज किया जा सकता है। एक लहसुन कैप्सूल दिन में तीन बार लिया जाता है जो आम तौर पर दस्त या डाइसेंटरी के हल्के मामलों को ठीक करने के लिए पर्याप्त होता है।

लहसुन जिगर को भी शरीर से विषाक्त पदार्थों को छुटकारा दिलाने के लिए उत्तेजित करता है और साथ ही जिगर को नुकसान पहुंचने से भी बचाता है। लेकिन इसका अर्थ बिल्कुल भी यह नहीं है कि आप लहसुन का सेवन अत्यधिक मात्रा में करें, क्योंकि यह पाचन तंत्र को परेशान कर सकता है।

लहसुन कैंसर के लिए उपयोगी - Garlic useful for cancer

लहसुन में कैंसर विरोधी गुण पाया जाता है। विशेष रूप से, यह कैंसर के ट्यूमर में खून को जाने से रोकता है। लहसुन पेट, गैस्ट्रिक और कोलन कैंसर में विशेष रूप से लाभदायक होता है।  

यह कुछ प्रकार के ट्यूमर के विकास पर भी रोक लगाता है और कुछ ट्यूमर के आकार को कम करने में मदद करता है। लहसुन में एलिल सल्फर यौगिकों की उपस्थिति कैंसर कोशिका को बढ़ने की प्रगति को धीमा कर सकती है। जिन लोगों के पारिवारिक इतिहास में कैंसर से कोई पीड़ित था, तो उन्हें कई प्रकार के कैंसर के खतरे को कम करने के लिए लहसुन का नियमित सेवन अवश्य करना चाहिए।

कई रिपोर्ट में लहसुन में पाए जाने वाले एलिसिन (allicin) को संभावित एंटी-कैंसर एजेंट बताया गया है जो लहसुन को काटने या कुचलने पर उत्पादित होता है। यह संभव है कि एलिसिन एंटीऑक्सीडेंट के रूप में काम करता है। यह रक्त में कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने में निश्चित रूप से प्रभावी है। एलिसिन विशेष रूप से बैक्टीरिया, वायरस, यासत्स और आंतों के अमीबा के संक्रमण को रोकने एक बहुत ही मजबूत प्राकृतिक हथियार है। उन्हें निकलाकर यह कई अप्रत्यक्ष तरीकों से कैंसर के खिलाफ लड़ने में मदद कर सकता है।

लहसुन वजन कम करने के लिए फायदेमंद - Garlic beneficial for weight loss 

यह औषधीय जड़ी बूटी प्रभावी रूप से सैटीएटी (satiety) हार्मोन को नियंत्रित करती है जो आपके पेट को लंबे समय तक भरा रखता है। इसका मतलब है कि लहसुन खाने से आपकी भूख दबती है जिससे आप स्वास्थ्य के लिए हानिकारक स्नैक्स के साथ साथ अत्यधिक खाने से भी बच सकते हैं । यह चीनी और फास्ट फूड की इच्छा को भी महत्वपूर्ण रूप से कम कर देता है।

यह चयापचय को बढ़ाने में भी मदद करता है। लहसुन का नियमित सेवन आपके शरीर को नोरेपीनेफ्राइन (norepinephrine) बनाने में मदद करता है, जो शरीर की चयापचय गतिविधि को बढ़ाने के लिए एक जिम्मेदार न्यूरोट्रांसमीटर है। जिससे रोजाना खाने से शरीर में इक्क्ठे फेेट को तोड़ने वाली प्रक्रियाओं में मदद मिलती है।

अगर आप लहसुन का उपयोग वजन कम करने के लिए करने जा रहे हैं तो इसको खाली पेट लेना सबसे अच्छा तरीका है। यह तरीका लहसुन से वजन कम करने का सबसे अच्छा घरेलू उपाय माना जाता है। खाली पेट लहसुन का सेवन आपके शरीर के चयापचय को भी तेज़ी से बढ़ा कर वजन कम करने में बहुत जल्दी असर दिखाता है।

इसके लिए आप हर सुबह खाली पेट दो से तीन लहसुन खाएँ। इससे आपको अतिरिक्त वजन से छुटकारा मिलने के साथ साथ आपका रक्त संचार भी ठीक रहेगा।  

लहसुन स्वस्थ हृदय के लिए उपयोगी - Garlic useful for healthy heart 

लहसुन दिल के स्वास्थ्य के लिए एक अच्छा आहार माना जाता है। इससे रक्त परिसंचरण में सुधार लाने, कोलेस्ट्रॉल को कम करने और हृदय रोग को रोकने में मदद मिलती है।यह एथेरोस्क्लेरोसिस (धमनीकलाकाठिन्य) के विकास या धमनियों के सख्त होने की गति को धीमा कर देता है। यह दिल के दौरे या स्ट्रोक के जोखिम को कम करने में भी सहायक है।

लहसुन के हृदय-सम्बंधी स्वास्थ्य लाभ उठाने के लिए:-

  • रोजाना सुबह-सुबह 1 या 2 क्रश किए हुए लहसुन का सेवन करें। इससे आपके हृदय के स्वास्थ्य में सुधार आएगा और हृदय को रोगों से संरक्षण प्राप्त होगा।
  • आप अपने चिकित्सक से परामर्श करने के बाद इस जड़ी बूटी के पूरक आहार (सप्लीमेंट्स) का सेवन भी कर सकते हैं।

लहसुन उच्च रक्तचाप को नियंत्रित करने के लिए उपयोगी - Garlic useful for high blood pressure control 

अगर शरीर में एंजियोटेंसिन I-converting एंजाइम, या "एसीई" (I-converting enzyme, or “ACE") नामक एंजाइम का उत्पादन बढ़ जाए तो इससे बीपी बढ़ जाता है। कई अंग्रेजी दवाइयां इस एंजाइम को बनने से रोकने का काम करती है लेकिन उनके कई दुष्प्रभाव होते हैं। लहसुन में गामा-ग्लूटामिलसीस्टीन (gamma-glutamylcysteine), एक प्राकृतिक एसीई अवरोधक होता है। यह रसायन होने की वजह से लहसुन धमनियों को चौड़ा करता है जिससे उच्च रक्तचाप नियंत्रित हो जाता है।  

अध्ययनों से पता चला है कि लहसुन उच्च रक्तचाप को भी कम कर सकता है, विशेष रूप से सिस्टल रक्तचाप। उच्च रक्तचाप से पीड़ित लोगों को रोजाना कुछ लहसुन की कलियों को खाली पेट खाना चाहिए। अगर आपको लहसुन का स्वाद पसंद नहीं है, तो इसे खाने के बाद आप एक गिलास दूध पी सकते हैं। आप लहसुन के सप्लीमेंट्स की खुराक भी ले सकते हैं।

लहसुन गठिया रोग में फायदेमंद -  Garlic beneficial for Arthritis 

गठिया एक ऐसी बीमारी है जो आपको जीवन में किसी भी आयु या चरण में प्रभावित कर सकती है। इस स्तिथि को पलटा नहीं जा सकता है पर सामान्य जीवन जीने के लिए निश्चित रूप से इससे लड़ने के कई तरीके हैं। नियमित दवाइयों के साथ-साथ उचित अभ्यास और उचित डाइट, गठिया रोगियों के लिए बराबर महत्वपूर्ण है।

प्राचीन ग्रंथों में इसके लक्षणों को दूर करने में मदद के लिए कई पूरक या वैकल्पिक थेरेपी भी बताई गई है। हालांकि इनमें से अधिकतर उपचारों में वैज्ञानिक प्रमाण-अवधारणा नहीं है; कुछ का शोधकर्ताओं द्वारा परीक्षण किया गया है जो अत्यधिक प्रभावी साबित हो रहे हैं। गठिया के दर्द और सूजन के लिए ऐसा एक घर आधारित उपाय लहसुन है।  

लहसुन एक ऐसा हर्बल उत्पाद है जिसपर काफी शौध हुए हैं और कई स्वास्थ्य स्थितियों के लिए इसका उपयोग किया गया है।  रूमेटोइड गठिया के इलाज में ये विशेषकर लाभदायक साबित होता है। 

संधिशोथ (rheumatoid) गठिया वाले लोगों के दर्द और अन्य लक्षणों को कम करने के लिए लहसुन एक परखा हुआ और प्रभावी उपाय है। इसमें निहित एंटी-ऑक्सिडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण गठिया के विभिन्न रूपों से जुड़ी सूजन को कम करने में मदद करते हैं। इसमें एकडायलिल डाइस्फाइड नामक यौगिक भी शामिल है जो हानिकारक एंजाइमों को सीमित करने में सहायता करता है।

गठिया के कारण सूजन और जोड़ों में दर्द को कम करने के लिए, अपने नियमित आहार में लहसुन शामिल करें। इसका सेवन खाली पेट करें।

लहसुन को लेने के कई तरीके हैं। आपको ये सूखे पाउडर के रूप में और कैप्सूल या टैबलेट में के रूप में मिल सकता है। आप इसका तेल भी इस्तेमाल कर सकते हैं। गठिया या अन्य दर्द के लिए उपाय के रूप में लहसुन को उपयोग करने से पहले एक बार डॉक्टर से बात कर लें।

लहसुन प्रतिरक्षा प्रणाली बढ़ाने के लिए उपयोगी - Garlic useful for immunity system growth 

प्रथम विश्व युद्ध के दौरान कच्चे लहसुन के रस को घावों पर एंटीसेप्टिक के रूप में इस्तेमाल किया गया था और हजारों लोगों को बचाने में मदद मिली थी। इसको इलाज के रूप में काफी समय से इस्तेमाल किया जा रहा है।  

कई सालों से सुझाव दिए जाते हैं कि लहसुन हृदय रोग, हाई कोलेस्ट्रॉल, सर्दी जुकाम, और फ्लू सहित विभिन्न प्रकार की चिकित्सा समस्याओं में मदद कर सकता है। इसका कारण यह है कि लहसुन में एलिसिन होता है जिसकी एक अलग गंध होती है। 

लहसुन विटामिन सी, बी 6 और सेलेनियम और मैंगनीज़ जैसे खनिज का एक अच्छा स्रोत है। यह सभी विटामिन और खनिज प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ाने में मदद करते हैं और खनिज के अवशोषण में भी सुधार लाते हैं।

इसके अलावा लहसुन में एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-बायोटिक गुण होते हैं जो शरीर की बीमारियों से लड़ने की क्षमता को मजबूत करते हैं। 

लहसुन सर्दी और खाँसी के लिए उपयोगी - Garlic useful for cold and cough 

लहसुन एंटी-बायोटिक और एंटी-वायरल लाभ प्रदान करता है जो लहसुन को सर्दी और खांसी के लिए एक अद्भुत उपचार बना देती है। इससे ऊपरी श्वसन संक्रमण की गंभीरता भी कम हो सकती है। 

इसके अलावा लहसुन अस्थमा और ब्रोंकाइटिस जैसे विभिन्न श्वसन स्थितियों के इलाज में अत्यधिक लाभकारी है। यह खाँसी सम्बंधित कफ निस्सारक को बढ़ावा देता है।

लहसुन खाने के अतिरिक्त, आप लहसुन के सप्लीमेंट्स का भी नियमित आधार पर सेवन ऊपरी श्वसन संक्रमण को कम करने के लिए कर सकते हैं।

लहसुन कान दर्द के लिए फायदेमंद - Garlic beneficial for ear pain 

बच्चों के कान में होने वाले हल्के संक्रमण या दर्द में भी लहसुन फायदेमंद हो सकता है। दरअसल, प्राकृतिक समाग्रियों से बना इयर ड्राप जिसमें लहसुन का अर्क भी शामिल है, लाभकारी हो सकता है । ध्यान रहे कि यह सामान्य कान दर्द में ही प्रभावकारी हो सकता है। अगर किसी बच्चे को कान दर्द की समस्या लगातार हो रही हो तो डॉक्टरी परामर्श जरूर लें।

लहसुन ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस के लिए उपयोगी -Garlic useful for oxidative stress

जब शरीर में फ्री रेडिकल और एंटीऑक्सीडेंट के बीच असुंतलन हो जाए तो उसे ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस कहते हैं। वहीं, जब फ्री रेडिकल शरीर में बढ़ जाए तो शरीर में कई तरह की समस्याएं जैसे – डायबिटीज, हृदय रोग और अन्य समस्याएं हो सकती है । ऐसे में लहसुन का उपयोग ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस को कम करने में सहायक हो सकता है। चूहों पर किये गए एक शोध के अनुसार, गार्लिक में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट गुण सिस्प्लैटिन (Cisplatin – कैंसर के उपचार में इस्तेमाल होने वाली दवा) के कारण होने वाले ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस को कम कर सकता है ।

लहसुन अल्जाइमर के लिए उपयोगी - Garlic useful for Alzheimer's

अल्जाइमर मस्तिष्क से संबंधित एक समस्या जिसमें लोगों को भूलने की बीमारी हो जाती है। यह डिम्नेशिया (Dementia – मस्तिष्क संबंधी समस्याओं के लक्षणों का समूह) का एक प्रकार है, इसका सटीक कारण अभी तक अज्ञात है, लेकिन यह आमतौर पर बढ़ती उम्र में लोगों को प्रभावित कर सकता है। ऐसे में एंटीऑक्सीडेंट गुणों से भरपूर लहसुन का सेवन न सिर्फ संज्ञानात्मक गिरावट (Cognitive Decline) से बचाव कर सकता है, बल्कि अल्जाइमर और डिम्नेशिया से भी बचाव करने में भी मदद कर सकता है।

लहसुन आँखों के लिए फायदेमंद - Garlic beneficial for eyes 

लहसुन का सेवन आंखों को स्वस्थ रखने में भी सहायक हो सकता है। दरअसल, एकैंथअमीबा (Acanthamoeba, एक प्रकार का अमीबा) आंखों के संक्रमण, खासकर केरेटाइटिस (Keratitis – आंख के सामने का पारदर्शी हिस्सा कॉर्निया, जब इसमें सूजन हो जाती है) का कारण बन सकता है। यहां लहसुन लाभकारी हो सकता है, क्योंकि इसमें अमीबिसाइडल (Amoebicidal – अमीबा को खत्म करने वाला गुण) गुण पाया जाता है, जो इस अमीबा से बचाव कर आंखों को इससे होने वाले संक्रमण के जोखिम को कुछ हद तक कम कर सकता है । फिलहाल, इस विषय पर अभी और शोध किए जाने की आवश्यकता है।

लहसुन योनि संक्रमण के लिए फायदेमंद - Garlic beneficial for vaginal infection 

महिलाओं के लिए लहसुन लाभ में योनि संक्रमण जैसी समस्या के बारे में सबके साथ चर्चा नहीं कर पाती हैं। इस वजह से कई बार यह समस्या गंभीर बीमारी का रूप ले लेती है। जबकि, घर में मौजूद लहसुन के जरिए इस समस्या पर काबू पाया जा सकता है। इस विषय में किए गए शोध में यह बात सामने आई कि लहसुन युक्त वैजिनल क्रीम से योनि संक्रमण (Candida vaginitis) कुछ हद ठीक हो सकता है । इसके अलावा, लहसुन में एंटी-फंगल गुण पाए जाते हैं, जो फंगल संक्रमण से आराम दिला सकता है ।

लहसुन आयरन और जिंक के अवशोषण के लिए उपयोगी - Garlic useful for absorption iron and zinc

शरीर को स्वस्थ रखने के लिए कई प्रकार के पोषक तत्व जरूरी है और आयरन और जिंक उन्हीं में शामिल हैं। लहसुन का सेवन खाद्य पदार्थों में मौजूद आयरन और जिंक दोनों को सकारात्मक रूप से प्रभावित कर शरीर में अवशोषण करने में मदद कर सकता है । इसलिए, किसी को आयरन या जिंक की कमी है तो वो अपने आहार में लहसुन को शामिल कर सकता है।

लहसुन ठंडे फफोले के लिए उपयोगी - Garlic useful for cold blisters 

ठंडे फफोले हर्पीस सिम्पलेक्स वायरस (herpes simplex virus) के कारण होते हैं । ये आमतौर पर दर्दनाक फफोले होते हैं जो होंठ और नाक के आसपास हो सकते हैं। इसके साथ ही यह संक्रामक भी होते हैं। ऐसे में लहसुन का सेवन मुुँह में छाले की समस्या ।से बचाव करने में मददगार हो सकता है। लहसुन में मौजूद एंटीमाइक्रोबायल और एंटी-इन्फ्लेमेटरी गुण के कारण ठंडे फफोले की समस्या से राहत मिल सकता है। हालांकि, इस बारे में कोई ठोस वैज्ञानिक सबूत उपलब्ध नहीं है, इसलिए यह सिर्फ अनुमान के आधार पर ही है।

लहसुन कवक संक्रमण के लिए फायदेमंद - Garlic beneficial for fungal infection 

लहसुन में शक्तिशाली एंटी-फंगल (कवक विरोधी) गुण पाए जाते हैं जो कवक संक्रमण से लड़ने में सहायता करते हैं। फंगल इन्फेक्शन दाद का एक प्रमुख कारक बन सकता है। लहसुन कैंडिडा से लड़ने में भी मदद करता है।

कवक संक्रमणों को मात देने के लिए :-

• प्रभावित त्वचा क्षेत्रों पर लहसुन का जैल या तेल लगाएं।
• मुंह के छाले से पीड़ित होने पर, मुंह के प्रभावित क्षेत्रों पर लहसुन का पेस्ट लगाएं। 
• अपने आहार में ताज़ा कच्चे लहसुन को शामिल करें

लहसुन एलर्जी में फायदेमंद - Garlic beneficial in infection 

लहसुन, बंद नाक, छींकें आना और आँख से पानी आने जैसे एलर्जी के लक्षणों से आराम  दिलाने और उन्हें ठीक करने में मदद करता है। यह आपके एलर्जी के लक्षणों की गंभीरता को कम करने के लिए हिस्टामाइन (एलर्जिक रिएक्शन की वजह से निकलने वाला रसायन) से लड़ने में सक्षम है। यही कारण है कि लहसुन एक हिस्टामाइन विरोधी है।

लहसुन एलर्जी वाले कोशिकाओं पर हमला करके और रक्त प्रवाह से पूरी तरह उन्हें हटाकर एलर्जी को ठीक करने में मदद करता है।  

लहसुन में उत्तम एंटी-वायरल और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण पाए जाते हैं जो शरीर को विभिन्न प्रकार की एलर्जी से लड़ने में मदद करते हैं। लहसुन एलर्जिक रायनाइटिस के कारण हुई वायुमार्ग के सूजन को कम करने में भी सकरात्मक प्रभाव दिखाया है।

एलर्जी सीजन के दौरान, एलर्जी वाले लोगों को दैनिक रूप से लहसुन के पूरक लेने की सलाह दी जाती है। त्वचा पर चकत्ते, कीट काटने या किसी अन्य प्रकार की एलर्जी के कारण खुजली से तुरंत राहत पाने के लिए, पीसे हुए लहसुन के पेस्ट को प्रभावित क्षेत्र पर लगाना एक अच्छा विकल्प है।

लहसुन दाँत दर्द के लिए उपयोगी - Garlic useful for tooth pain 

मुंह में पाए जाने वाले बैक्टीरिया की लगभग 500 से अधिक अधिक प्रजातियां होती हैं। इनमें से कुछ बैक्टीरिया स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद हैं और कुछ नहीं होते हैं। अपने मुंह को स्वस्थ रखने के लिए आपको इन अच्छे और बुरे बैक्टीरिया को संतुलित रखना पड़ता है।

लहसुन में पाए जाने वाला एलिसिन खराब बैक्टीरिया को रोकता है जो मुंह में बढ़ने से दांत ख़राब होने का कारण बनते हैं। कई अध्ययनों ने निष्कर्ष निकाला कि लहसुन के उपयोग से खराब बैक्टीरिया की आबादी को नियंत्रित करके और अच्छे बैक्टीरिया को बढ़ने देने से मसूड़ों की बीमारी से लड़ने में मदद मिल सकती है।

दाँत दर्द को कम करने में लहसुन बहुत ही प्रभावी माना जाता है। इसका श्रेय इसमें निहित एंटी-बैक्टीरियल और एनाल्जेसिक गुणों को जाता है। दांत-दर्द से तत्काल राहत पाने के लिए आपको बस लहसुन का तेल या क्रश किये हुए लहसुन का एक टुकड़ा प्रभावित दाँत पर और आसपास के मसूड़ों पर लगाना है।

लहसुन मुँह के स्वास्थ्य के लिए उपयोगी - Garlic useful for healthy mouth 

लहसुन में मौजूद एलिसिन में एंटीमाइक्रोबायल गुण मौजूद होते हैं, जो मुंह के बैक्टीरिया, जो मसूड़ों के संक्रमण का कारण बनते हैं, उन्हें खत्म करने में मदद कर सकता है । इसके अलावा, वैज्ञानिकों ने लहसुन के अर्क युक्त माउथवॉश को प्रभावी पाया । ऐसे में यह बात भी सामने आई कि लहसुन युक्त टूथपेस्ट या माउथवॉश का उपयोग कैविटी के जोखिम से बचाव के लिए लाभकारी हो सकता है ।

लहसुन कील मुहांसों के लिए फायदेमंद - Garlic beneficial for nail pimples

कील मुहांसों के कई कारण हो सकते हैं और बैक्टीरिया उन्हीं में से एक है । ऐसे में लहसुन के उपयोग से कील-मुंहासों से बचाव हो सकता है। हालांकि, इसका अभी तक कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है, लेकिन लहसुन में मौजूद एंटी-बैक्टीरियल गुण यहां लाभकारी हो सकते हैं ।

लहसुन सोरायसिस की रोकथाम के लिए फायदेमंद - Garlic beneficial for psoriasis prevention

सोरायसिस एक प्रकार का त्वचा रोग है, जिसमें खुजली होने लगती है और त्वचा लाल हो जाती है। यह बीमारी ज्यादातर सिर की त्वचा, कोहनी और घुटनों को प्रभावित करती है । इस बीमारी का प्रभाव लहसुन के सेवन से कम किया जा सकता है। लहसुन में डायलिल सल्फाइड और एजेन जैसे यौगिक होते हैं। ये यौगिक न्यूक्लियर ट्रांसमिशन कारक कप्पा बी (जिसकी वजह से सोरायसिस होता है) को निष्क्रिय कर सकते हैं । जिस कारण इसका जोखिम कम हो सकता है।

लहसुन एक्जिमा से राहत के लिए उपयोगी - Garlic useful for relieving eczema

एक्जिमा एक त्वचा संबंधी समस्या है, जिसमें त्वचा लाल हो जाती है और सूजन के साथ खुजली जैसी परेशानी हो सकती है, इसे डर्मेटाइटिस भी कहते हैं । ऐसे में इससे राहत पाने के लिए लहसुन खाना उपयोगी हो सकता है। हालांकि, इसका कोई ठोस वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। दरअसल, खुजली से राहत दिलाने के मामले में लहसुन की सफलता या असफलता रोगी के शरीर पर निर्भर करती है। किसी व्यक्ति को अगर लहसुन से एलर्जी है, तो यह एक्जिमा को बढ़ा सकता है, लेकिन जिन्हें लहसुन से कोई एलर्जी नहीं है, उनके लिए लहसुन का सेवन फायदेमंद साबित हो सकता है।

लहसुन झुर्रियों के लिए लाभदायक - Garlic beneficial for wrinkles

कई बार लोगों की त्वचा पर समय से पहले झुर्रियां नजर आने लगती हैं। दरअसल, ऐसा गलत खान-पान, तनाव, सूर्य की हानिकारक किरणों और बदलती जीवनशैली की वजह से होता है। ऐसे में अगर लहसुन का सेवन किया जाए, तो समय से पहले चेहरे पर पड़ने वाली झुर्रियों से बचा जा सकता है। लहसुन में एस-एलिल सिस्टीन (S-allyl cysteine – एक प्रकार का यौगिक) पाया जाता है, जो त्वचा को सूर्य की हानिकारक किरणों की वजह से होने वाली झुर्रियों से बचाने में मदद कर सकता है ।

लहसुन स्ट्रेच मार्क्स (खिंचाव के निशान ) के लिए लाभदायक - Garlic benefits for stretch marks 

गर्भावस्था, बढ़ता वजन या एक उम्र के बाद महिलाओं के शरीर पर स्ट्रेच मार्क होना सामान्य है ।आए दिन महिलाएं स्ट्रेच मार्क से निजात पाने के लिए कुछ न कुछ नुस्खें आजमाती रहती हैं। वैसे तो स्ट्रेच मार्क्स के निशान को पूरी तरह मिटाना मुश्किल है, लेकिन इसे लहसुन की मदद से कम किया जा सकता है। हालांकि, इस बारे में कोई वैज्ञानिक प्रमाण उपलब्ध नहीं है। यह सिर्फ मान्यताओं पर आधारित है।

लहसुन बालों के लिए फायदेमंद - Garlic beneficial for hair 

लहसुन का उपयोग बालों के लिए भी लाभकारी हो सकता है। दरअसल, एनसीबीआई द्वारा प्रकाशित एक शोध के अनुसार लहसुन का जेल और बीटामेथासोन वैलेरेटका (Betamethasone Valerate) मिश्रण एलोपेसिया एरेटा (Alopecia Areata- बाल झड़ने की बीमारी) की समस्या से बचाव कर सकता है । अगर समस्या ज्यादा हो तो डॉक्टरी सलाह लेने में देर न करें।

लहसुन का उपभोग करने के बहुत सारे फायदे तो हैं परन्तु साथ ही साथ इसमें स्वास्थ्य के लिए कुछ दुष्प्रभाव भी होते हैं, जिनका ज्ञान इसका सही प्रकार से इस्तेमाल करने के लिए और उन दुष्प्रभावों से बचने के लिए आवश्यक है। लहसुन के साइड इफेक्ट्स को अच्छे प्रकार से जानने के लिए निम्नलिखित अंकों को पढ़ें।

  1. लहसुन का उपभोग ब्लोटिंग ,पेट फूलना,गैस , खराब पेट, गन्दी सांस और शरीर की गंध जैसे समस्या उत्पन्न करता है। यदि आप पेट या पाचन की समस्या से ग्रस्त हैं, तो सावधानी के साथ लहसुन का उपयोग करें। 
  2. कच्चा लहसुन खाने से सीने में जलन हो सकती है।
  3. यह एक स्कन्दनरोधी (रक्त-पतला करने वाला) के रूप में कार्य करता है।इस लिये किसी भी व्यक्ति की सर्जरी होने वाली है तो उसे लहसुन का सेवन बंद कर देना चाहिए।
  4. लहसुन का सेवन करने से आपके शरीर व मुंह से दुर्गन्ध आ सकती है।
  5. लहसुन के पूरक या सप्लीमेंट्स का सेवन गर्भवती महिलाओं को नहीं करना चाहिए। 
  6. लहसुन खाने से एलर्जी की समस्या भी हो सकती है।
  7. लहसुन वॉटरिन, एंटीप्लेटलेट, साक्विनावीर, एंटीहाइपरटेन्सिव, कैल्शियम चैनल ब्लॉकर और एंटीबायोटिक दवाओं के प्रभावों में हस्तक्षेप कर सकता है, इसलिए लहसुन का सेवन करने से पहले एक बार डॉक्टर से परामर्श करना सर्वोत्तम है।
  • लहसुन किन किन लोगों को नहीं खाना चाहिए? – Who Should Avoid Garlic 

  1. अगर कोई खून को पतला करने की दवाई ले रहा है, तो वो लहसुन का सेवन न करें ।
  2. हमने लेख में बताया है कि लिवर के लिए लहसुन लाभकारी है, लेकिन अगर किसी को लिवर की गंभीर समस्या है तो इसके सेवन से पहले डॉक्टरी परामर्श लें। लहसुन के अत्यधिक सेवन से लिवर को क्षति भी हो सकती है ।
  3. जिनको माइग्रेन की समस्या है, वो लहसुन का सेवन न करें, क्योंकि हो सकता है कि इसकी गंध से समस्या और बढ़ जाए ।
  4. जिनको लो ब्लड प्रेशर की शिकायत है, वो लहसुन का सेवन डॉक्टरी सलाह पर ही करें। लहसुन हाई ब्लड प्रेशर के लिए लाभकारी होता है । ऐसे में लो ब्लड प्रेशर में यह नुकसानदायक हो सकता है। इस बारे में अभी कोई सटीक वैज्ञानिक प्रमाण मौजूद नहीं है, ये जानकारी सावधानी के तौर पर दी गई है
  5. जैसा कि हमने ऊपर जानकारी दी है कि कच्चे लहसुन से पेट संबंधी समस्याएं हो सकती हैं। ऐसे में जिनको पेट से जुड़ी कोई परेशानी है, तो वो कच्चे लहसुन का सेवन करने से बचे।
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    Milan Tomic

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