माता लक्ष्मी के 10 मंदिर जहां दर्शन मात्र से ही मनोकामना पूर्ण होती है/Maa Lakshmi Famous Temple in India

 Maa Lakshmi Famous Temple in India- मां लक्ष्मी धन और सुख-समृद्धि की देवी हैं।सनातन धर्म के प्रमुख देवी-देवताओं में से एक देवी लक्ष्मी की पूजा देश के विभिन्न हिस्‍सों में अलग-अलग रूपों में की जाती है।

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धार्मिक मान्यताओं के अनुसार माता लक्ष्मी के मंदिर में जाकर पूजन-अर्चना करने से आर्थिक संकट दूर होते हैं और सुख समृद्धि की प्राप्ति होती है।देशभर में महालक्ष्मी के कई प्राचीन और प्रसिद्ध मंदिर स्थित हैं (Maa Lakshmi Famous Temple) जो अपनी निमार्ण संबंधी कहानियों के लिए प्रचलित हैं। इन सभी मंदिरों की कला-कृति और खूबसूरती देखते ही बनती है।तो दोस्तों चलिए जानते हैं उनमें से कुछ सबसे प्रसिद्ध मंदिरों के महत्व और चमत्कार के बारे में।

पद्मावती का मंदिर (Padmavati Mandir)

तिरुपति के पास तिरुचुरा नामक एक छोटे से गांव में देवी पद्मावती का सुंदर मंदिर है।पद्मावती मंदिर को 'अलमेलमंगापुरम' के नाम से भी जाना जाता है।धार्मिक मान्यताओं के अनुसार तिरुपति बालाजी के मंदिर में मांगी गई मुराद तभी पूरी होती है, जब श्रद्धालु बालाजी के साथ-साथ देवी पद्मावती का भी दर्शन कर लें।

दक्षिण भारत का स्वर्ण मंदिर (Swarna Mandir)

तमिलनाडु के वेल्लू जिले में स्थित थिरुमलई कोड गांव श्रीपुरम में स्थित महालक्ष्मी मंदिर को 'दक्षिण भारत का स्वर्ण मंदिर' कहा जाता है।यह मंदिर 100 एकड़ में फैला हुआ है जो की चेन्नई से 145 किलोमीटर दूर पलार नदी के किनारे पर स्थित है।

पद्मनाभस्वामी मंदिर

केरल के तिरुअनंतपुरम में स्थित पद्मनाभस्वामी मंदिर भगवान विष्णु का प्रसिद्ध मंदिर है, मान्यता है की यहां दर्शन करने से मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है और धन-धान्य बना रहता है।यह मंदिर अपने सोने के खजाने के लिए दुनियाभर में प्रसिद्ध है। कहा जाता है कि भगवान विष्णु को समर्पित पद्मनाम मंदिर को त्रावणकोर के राजाओं ने बनवाया था।इस मंदिर का जिक्र 9वीं शताब्दी के ग्रंथों में भी मिलता है लेकिन इस मंदिर के मौजूदा स्वरूप को 18वीं शताब्दी में बनवाया गया था।

मुंबई का महालक्ष्मी मंदिर (Mahalakshmi Mandir)

इतिहास की मानें तो समुद्र के किनारे बी. देसाई मार्ग पर स्थित इस मंदिर की स्थापना अंग्रेजों के काल में हुई थी। पौराणिक कथाओं के अनुसार उस समय देवी लक्ष्मी एक ठेकेदार रामजी शिवाजी के स्वप्न में प्रकट हुईं और उन्हें समुद्र तल से देवियों की 3 प्रतिमाएं निकालकर मंदिर में स्थापित करने का आदेश दिया था। वही तीन प्रतिमाएं मंदिर के गर्भगृह में महालक्ष्मी, महाकाली एवं महासरस्वती तीनों देवियों की रूप में एकसाथ विद्यमान हैं।

कोल्हापुर का महालक्ष्मी मंदिर

कहा जाता है की महाराष्ट्र के कोल्हापुर जिले स्थित महालक्ष्मी मंदिर का निर्माण चालुक्य शासक कर्णदेव ने 7वीं शताब्दी में करवाया था। जिसके बाद शिलहार यादव ने 9वीं शताब्दी में इसका पुनर्निर्माण करवाया था।इस मंदिर के मुख्य गर्भगृह में मां महालक्ष्मी की 40 किलो की प्रतिमा स्थापित है जिसकी लंबाई 4 फीट है।कहा जाता है की यह प्रतिमा लगभग 7,000 साल पुरानी है।

लक्ष्मीनारायण मंदिर

दिल्ली के प्रमुख मंदिरों में से एक लक्ष्मीनारायण मंदिर को मूल रूप से 1622 में वीरसिंह देव ने बनवाया था, जिसके बाद पृथ्वीसिंह ने 1793 में इसका जीर्णोद्धार करवाया और सन् 1938 में भारत के बड़े औद्योगिक परिवार बिड़ला समूह ने इसका विस्तार और पुनरुद्धार करवाया। इसलिए इस मंदिर को बिड़ला मंदिर भी कहा जाता है।

इंदौर का महालक्ष्मी मंदिर

इंदौर में स्थित श्री महालक्ष्मी मंदिर के संबंध में कहा जाता है कि इस मंदिर का निर्माण 1832 में मल्हारराव द्वितीय ने करवाया था। 1933 में यह 3 तलों वाला मंदिर था, जो आग की वजह से तहस नहस हो गया था।1942 में मंदिर का जीर्णोद्धार कराया गया।वर्तमान में मुंबई के महालक्ष्मी मंदिर की तर्ज पर इस मंदिर का जीर्णोद्धार किया गया है।

चौरासी मंदिर

हिमाचल प्रदेश के चंबा से 65 किलोमीटर दूर भरमौर जिला में स्थित इस मंदिर में महालक्ष्मी के साथ गणेशजी और नरसिंह भगवान की मूर्ति स्थापित है। प्राकृतिक वादियों में स्थित इस मंदिर को ऐतिहासिक और धार्मिक दृष्टि से बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है।

चंबा का लक्ष्मीनारायण का मंदिर

हिमाचल प्रदेश के चंबा में स्थित यह मंदिर पारंपरिक वास्तुकारी और मूर्तिकला का एक उत्कृष्‍ट उदाहरण है।चंबा में स्थित 6 प्रमुख मंदिरों में से यह मंदिर सबसे विशाल और प्राचीन है।यह मंदिर भगवान विष्णु को समर्पित है जिसे राजा साहिल वर्मन ने 10वीं शताब्दी में बनवाया था।इस मंदिर का निर्माण शिखर शैली में किया गया है।

अष्टलक्ष्मी मंदिर

चेन्नई के इलियट समुद्र तट के पास स्थित इस मंदिर की लंबाई लगभग 65 फीट और चौड़ाई 45 फीट है. इस मंदिर में देवी लक्ष्मी के आठ स्वरूपों को 4 मंजिल में बने 8 अलग-अलग कमरों में स्थापित किया गया है। यहां देवी लक्ष्मी अपने पति और भगवान विष्णु के साथ मंदिर की दूसरी मंजिल में विराजमान हैं।

नोट 

माँ लक्ष्मी के अद्भुत और प्रसिद्ध मंदिरों का यह लेख आप लोगों को कैसा लगा।आप अपनी प्रतिक्रिया दे सकते हैं।

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Milan Tomic

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