आँवला खाने के फायदे और नुकसान

आंवला का परिचय 

आयुर्वेद के अनुसार, आंवला एक ऐसा फल है, जिसके अनगिनत लाभ  हैं। आंवला ना सिर्फ त्वचा, और बालों के लिए फायदेमंद है, बल्कि कई तरह के रोगों के लिए औषधि के रूप में भी काम करता है। आंवला का प्रयोग कई तरह से किया जाता है, जैसे- आंवला जूस  ,आंवला पाउडर , आंवला अचार आदि। आंवला में प्रचुर मात्रा में विटामिन, मिनरल, और न्यूट्रिएन्ट्स होते हैं, जो आंवला को अनमोल गुणों वाला बनाते हैं।आंवला को आयुर्वेद में अमृतफल या धात्रीफल कहा गया है। वैदिक काल से ही आंवला का प्रयोग औषधि के रूप में किया जा रहा है।

पेड़-पौधे से जो औषधि बनती है उसको काष्ठौषधि कहते हैं और धातु-खनिज से जो औषधि बनती है उनको रसौषधि कहते हैं। इन दोनों तरह की औषधि में आंवला का इस्तेमाल किया जाता है। यहां तक कि आंवला को रसायन द्रव्यों में सबसे अच्छा माना जाता है यानि कहने का मतलब ये है कि जब बाल बेजान और रूखे-सूखे हो जाते हैं तब आंवला का प्रयोग करने पर बालों में एक नई जान आ जाती है। आंवला का पेस्ट लगाने पर रूखे बाल काले, घने और चमकदार नजर आने लगाते हैं।चरक संहिता में आयु बढ़ाने, बुखार कम करने, खांसी ठीक करने और कुष्ठ रोग का नाश करने वाली औषधि के लिए आंवला का उल्लेख मिलता है। इसी तरह सुश्रुत संहिता में आंवला को अधोभागहर संशमन औषधि बताया गया है, इसका मतलब है कि आंवला वह औषधि है, जो शरीर के दोष को मल के द्वारा बाहर निकालने में मदद करता है। पाचन संबंधित रोगों और पीलिया केे लिए आंवला (Indian gooseberry) का उपयोग किया जाता है।आं‍वला का वानस्पतिक नाम  पांईलैन्थस एम्बलिका है। यह यूफॉर्बियेसी कुल से है। 

आंवला के फायदे 

आंवला के प्रयोग से अनगिनत फायदे होते हैं। आंवला खून को साफ करता है, दस्त ,मधुमेह ,जलन की परेशानी में लाभ पहुंचाता है। इसके साथ ही यह जॉन्डिस, हाइपर-एसिडिटीएनीमिया, रक्तपित्त (नाक-कान से खून बहने की समस्या), वात-पित्त के साथ-साथ बवासीर या हेमोराइड में भी फायदेमंद होता है। यह मल त्याग करने की प्रक्रिया को आसान बनाता है। यह सांसों की बीमारी, खांसी और कफ संबंधी रोगों से राहत दिलाने में सहायता करता है। आंवला आंखों की रोशनी को भी बेहतर करता है। अम्लीय गुण होने के कारण यह गठिया में भी लाभ पहुंचाता है। आप चाहें तो रोजाना कच्चे आंवले का सेवन कर सकते हैं या आमला जूस पी सकते हैं।

आंवला स्वस्थ एवं मज़बूत हड्डियों के लिए - 

आँवला हड्डियों को मज़बूत बनाने में भी निपुण है। इसमे कैल्शियम अच्छी मात्रा में पाया जाता है और यह वातनिरोधक  औषधि गुणों से भी परिपूर्ण है। आंवला रस रोज पीने से हड्डियाँ मज़बूत हो जाती हैं और जोड़ो के दर्द से भी मुक्ति प्राप्त होती है।

आँवला अपनी उच्च कैल्शियम की मात्रा के कारण न केवल हड्डियों को मजबूत करने के लिए अच्छा होता है, बल्कि इस यह ऑस्टियोक्लास्ट को कम करता है। ऑस्टियोक्लास्ट हड्डियों को कमजोर करने के लिए जिम्मेदार कोशिकाएं होती हैं। इस प्रकार आमला का नियमित रूप से उपभोग करने से हड्डियों से जुडी परेशानी कम होती है। 

आंवला चमकती त्वचा के लिए -

आँवला प्रकृति में ठंडा होने की वजह से त्वचा की परेशानियों को दूर में बहुत लाभदायक होता है। त्वचा के लिए आमला के कुछ लाभों में शामिल हैं:

  •  आँवला पॉवडर को चेहरे पर लगाने से मुँहासे ठीक होते हैं। ऑयली और मुहाँसे वाली त्वचा को सही करने के लिए आँवला पॉवडर, गुलाब जल और निम्बू के रस  में मिला कर एक फेस पैक तैयार करें और चेहरे को साफ़ करने के लिए इसका उपयोग करें। 
  • आँवले में एंटी वायरल और एंटी बैक्टीरियल गुण होते है जो त्वचा को कई प्रकार के रोगो से बचाते हैं। 
  • आँवला में विटामिन सी की अधिक मात्रा होती हैं जिस कारण यह शरीर में से विषाक्त पदार्थो को निकालकर पाचन शक्ति को बढ़ाता है। जिसकी वजह से त्वचा को भोजन से पूरी तरह पोषण मिलता है और यह स्वस्थ रहती है। 
  • आँवला के जूस का सेवन करने से आपकी त्वचा में निखार आता है क्योंकि इस में एंटीऑक्सीडेंट होते हैं जो रक्त को शुद्ध करते हैं और त्वचा को कई रोगो से बचाते हैं। 
  • इसके साथ ही आँवले का नियमित रूप से सेवन करने पर आपके चेहरे पर झुरिया नहीं आती है और इसके एंटी एजिंग गुणों के कारण आपकी त्वचा की चमक बरक़रार रहती है। 
  • आँवला पॉवडर और जैतून के तेल को मिलाकर पेस्ट बनाए और चहरे पर लगाकर 10 मिनट तक रहने दें और फिर 10 मिनट बाद इसे धो लें। इस फेस पैक से आपके चेहरे से धूल और गन्दगी को हटाने में मदद मिलेगी और यह एक प्राकृतिक क्लीन्ज़र के रूप में कार्य करेगा। 

चमकती एवं स्वस्थ त्वचा बाह्य सौंदर्य की सबसे महत्वपूर्ण निर्धारक है। यह त्वचा को साफ करता है दाग, मुंहासे, क्षतिग्रस्त कोशिकाओं और झुर्रियों को भी दूर करने में सहायता करता है। दैनिक दो चम्मच आंवला रस पिएं या फिर त्वचा पर आंवला का रस लगायें। आंवला विटामिन सी, एंटी ऑक्सीडेंट, एंटी-एजिंग और विरोधी बैक्टीरियल  गुण से भरपूर है और इसलिए यह रंग में सुधार लाने और युवा त्वचा प्रदान करने में उपयोगी है। 

आंवला चूर्ण के फायदे मोटापा कम करने के लिए -

आँवले का रस उपापचयी क्रियाओं (metabolic activities) में सुधार लाता है और अधिक वसा को घटाता है। आँवले में प्रोटीन के अवशोषण को बढ़ाने की क्षमता होती है। जिसके कारण यह आपके शरीर में चयापचय क्रियाओ (metabolic activities) की दर को बढ़ाता है और जितनी अधिक चयापचय की क्रिया होगी उतनी ही तेजी से आपका शरीर कैलोरी जलाता है। इस प्रकार यह वजन घटाने के लिए लाभकारी है और आपके शरीर की ऊर्जा को भी बढ़ाता है। 

आंवला निरापद प्रतिरक्षा प्रणाली के लिए - 

प्रतिरक्षा प्रणाली (immune system) हानिकारक संक्रमण के खिलाफ लड़ता है और शरीर को रोग मुक्त रखने में मुख्य भूमिका निभाता है। विटामिन सी से भरपूर होने की वजह से आंवला स्वाभाविक रूप से प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करता है और रोगों के खिलाफ लड़ने के लिए पर्याप्त क्षमता प्रदान करता है। आप आधे कप गर्म पानी में बराबर मात्रा में आंवला रस मिलायें और इसका रोज़ सेवन करें। 

विटामिन सी का सबसे अच्छा स्रोत होने के कारण आँवला प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इसके जीवाणुरोधी और अस्थिर (astringent) गुणों के कारण, यह सर्दी, फ्लू और खांसी जैसी सामान्य बीमारियों के प्रति शरीर की प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया में सुधार कर संक्रमण को रोकता है।

आंवला के औषधीय गुण बांझपन के लिए - 

आँवला पुरुष एवं महिलाओं दोनों की फर्टिलिटी बढ़ाने और महिलाओं को गर्भ धारण (conception) करने में सहायता करता है। यह महिलाओं में ओव्युलेशन (ovulation) प्रक्रिया को बढ़ाता है, पुरुषों में शुक्राणु (sperms) की गुणवत्ता में सुधार लाता है और स्वस्थ गर्भाधान में मदद करता है। यह गर्भावस्था के सुंदर चरण के दौरान भी बहुत उपयोगी है। 2-3 कसे हुए आंवलों में शहद की मिठास मिलायें और इन्हें खा लें।

आंवला बुढ़ापे की गति को मंद करने के लिए - 

बुढ़ापा एक प्राकृतिक प्रक्रिया है और इसे कोई रोक नहीं सकता परंतु आँवला इस प्रतिक्रिया की गति को मंद अवश्य कर सकता है। आँवला को नहाने के पानी में मिलाकर स्नान करने से यौवन को बनाए रखने (maintaining youth) में सहायता मिलती है। इस फार्मूले को व्यापक रूप से वैदिक काल में इस्तेमाल किया जाता था।

उम्र बढ़ने का एक कारण मुक्त कणों से होने वाली क्षति भी है। आँवला विटामिन सी और एंटीऑक्सीडेंट्स में समृद्ध होते हैं। जो त्वचा की बनावट को पुनर्जीवित करने के साथ इसे नई और चमकदार बनाने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। विटामिन सी शरीर से विषाक्त पदार्थों को हटा कर त्वचा के रोग और पिग्मेंटेशन को कम करता है। एंटीऑक्सिडेंट त्वचा को मुक्त कणो से होने वाली क्षति को रोकता हैं। एंटीऑक्सिडेंट उम्र बढ़ने के लक्षणों की शुरुआत जैसे झुर्रीयों को भी कम करता हैं। इस प्रकार आँवला एंटी एजिंग के लिए लाभदायक है। 

आंवला शुद्ध रक्त के लिए - 

आँवले का जूस पीने से रक्त साफ होता है और रक्त सम्बंधित विकार दूर रहते हैं। चूंकि आँवला एंटीऑक्सीडेंट से भरा हुआ है। यह रक्त शोधक के रूप में काम करने के साथ ही हीमोग्लोबिन और लाल रक्त कोशिकाओं को भी बढ़ाता है। आयरन में समृद्ध होने के कारण, आँवला रक्त में आयरन के स्तर को बढ़ाकर एनीमिया भी रोक सकता है।

आंवला मज़बूत नाख़ून के लिए - 

आँवला स्वस्थ और मजबूत नाखून बनाने भी सहायक होता है। विभिन्न विटामिनों और खनिजों से परिपूर्ण आँवला नाखूनों को मजबूत एवं सुंदर रखने में मदद करता है। आंवला रस दैनिक पिएं और नाज़ुक एवं भंगुर नाखूनो को अलविदा कहें।

आंवला सुदृढ पाचन शक्ति के लिए - 

स्वस्थ शरीर में सुदृढ़ पाचन शक्ति की एक अहम भूमिका है। आँवला व्यापक रूप से औषधीय दुनिया में पाचन तन्त्र को सुधारने एवं शक्तिशाली बनाने में प्रयोग किया जाता है। यह गैस्ट्रो-आंत्र विकारों  से भी छुटकारा दिलाता है। यह एक मज़बूत पाचन उत्तेजक और रेचक (laxative) है और न केवल पाचन में सुधार लाने में बल्कि बृहदान्त्र (colon) की सफाई में भी मदद करता है। चाहे मामूली-सा कब्ज़ (constipation) और डायरिया (diarrhea) हो या फिर गंभीर बवासीर (piles )आँवला सब में बहुत प्रभावशाली है।

आमला में फाइबर और पानी उच्च मात्रा में पाया जाता है साथ ही इसमें एंटी इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं। फाइबर गैस्ट्रिक और पाचन रस के स्राव के लिए आवश्यक होता है और पाचन क्रिया को बढ़ाने में मदद करता है। जिसकी वजह से आँवला पूरी पाचन प्रक्रिया को स्वस्थ रखने के लिए बहुत लाभकारी होता है। 

 कब्ज के लिए आंवला पाउडर को एक चम्मच गर्म पानी के साथ लें और बवासीर के लिए आँवला को गर्म पानी में उबालें और उसे छानने के बाद इसमें चीनी मिलायें। इस मिश्रण को एक चम्मच रोज़ खायें। दस्त के लिए आप इसका रस पी सकते हैं। यह क्षुधा में भी सुधार लाता है। 

आमला चूर्ण क्रियाशील मलत्याग के लिए - 

आँवला स्वस्थ उत्सर्जन को भी नियंत्रित करता है। आँवला एक अच्छा एंटी ऑक्सीडेंट है और विटामिन सी (vitamin C) से भरपूर है। यह मूत्राशय और गुर्दे को हानिकारक पदार्थों से बचाता है और मूत्र प्रणाली (urinary system) को स्वस्थ रखता है। अपने दिन की शुरुआत शहद युक्त आंवला रस पीने से करें और अपनी मूत्र प्रणाली को स्वस्थ बनाएं। गुर्दे की पथरी (kidney stones) को भंग करने के लिए इसका उपयोग मूली के साथ करें।

आँवला एक मूत्रवर्धक (diuretic) की तरह काम करता है। इसका सेवन करने से पेशाब की मात्रा और आवृत्ति में सुधार होता है। चूंकि पेशाब आपके शरीर से अवांछित विषाक्त पदार्थों, लवण और यूरिक एसिड मुक्त करने में मदद करता है। इस प्रकार आँवला आपके शरीर को विषाक्त पदर्थो से मुक्त कर उसे स्वस्थ बनाये रखता है। इसीलिए आपके गुर्दो और मूत्राशय को स्वस्थ रखने के साथ मूत्राशय और गर्भाशय के संक्रमण को रोकने के लिए आँवला फायदेमंद है। 

आंवला पोषित नसों के लिए - 

नसें संदेशों को मस्तिष्क तक प्रसारित करने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं और आँवला इन नसों को स्वस्थ रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह नसों के लिए एक अच्छा पोषण है और उन्हें शांत रखने में मदद करता है। कसे हुए आँवला को खाने से लकवाग्रस्त (paralysis) स्थिति से भी उभरा जा सकता है।

आँवला में पोटेशियम प्रचुर मात्रा में होता है जिसके कारण यह तंत्रिका तंत्र (nervous system) को मजबूत कर परिसंचरण में सुधार करता है। इसमें जैव-फ्लैवोनोइड्स भी होते हैं जो कोशिकाओं की पारगम्यता (permeability of capillaries) को बनाए रखने में मदद करते हैं। ताकि पोषक तत्व रक्त वाहिकाओं के माध्यम से पुरे शरीर में आसानी से पहुंच सके। इस प्रकार आँवला तंत्रिका तंत्र और नसों को स्वस्थ रखने में लाभदायक है। 

आंवला खाने के फायदे गले के लिए - 

आँवला गले को भी स्वस्थ रखने में सहायता करता है। अदरक जूस के साथ इसका सेवन करने से गल-शोथ (sore throat) एवं थाइरोइड (thyroid) जैसे विकारो से मुक्ति मिलती है। 

आँवले के रस को कटे हुए अदरक के कुछ टुकड़ों और एक चमच्च शहद के साथ मिला कर पीने से भी खांसी और गले के समस्या से राहत मिलती है।

आमला के फायदे निरामय हृदय के लिए - 

आँवला हृदय को आरोग्य रखने का भी एक सबल तरीका है। यह मधुमेह को दूर कर आपकी जिंदगी को मधुर बना देता है। यह रक्तचाप को नियंत्रित में रखता है और हृदय रोग और है।के

आँवला को हृदय के लिए फायदेमंद माना जाता है क्योंकि इसमें एंटीऑक्सीडेंट, आयरन, एंथोसाइनिन, फ्लैवोनोइड्स, पोटेशियम आदि तत्व पाए जाते हैं। उच्च कोलेस्ट्रॉल, दिल की बीमारी का प्रमुख कारण होता है। आँवला खराब कोलेस्ट्रॉल के निर्माण को कम करके अच्छे कोलेस्ट्रॉल या एचडीएल को बढ़ाकर धमनी में अवरोध को कम करता है और इस प्रकार यह ह्रदय से जुडी परेशानियों को कम करता है। अध्ययनों के अनुसार आँवला रक्त वाहिकाओं की दीवारों की मोटाई को बढ़ने से रोक सकता है। इस प्रकार हृदय रोग के पहले संकेत को रोक कर ही यह ह्रदय रोग के खतरे को कम करता है   

आँवले में मौजूद विटामिन और मिनरल प्रोटीन संश्लेषण में मदद करते हैं और शरीर में चयपचय  (metabolism) को बढ़ा कर अधिक वसा को कम करने में सहयता करते हैं। आँवले के नियमित सेवन से उच्च रक्तचाप को भी कम किया जा सकता है। इसमें मौजूद विटामिन सी शरीर के लिए कई तरीको से लाभकारी होता है।

आमला चूर्ण के फायदे प्रबल यकृत के लिए - 

लिवर न केवल मानव शरीर में सबसे बड़ी ग्रंथि है, बल्कि यह काफी महत्वपूर्ण भी है। यदि मानव शरीर में यह ठीक तरह से कार्य न करे तो पीलिया (jaundice) और हेपेटाइटिस (hepatitis) जैसे यकृत विकार हमें घेर लेते हैं। ये जीवन का अंत भी कर सकते हैं। परन्तु आंवला इनके उपचार में अत्यन्त प्रभावी सिद्ध होता है। 

अध्यनो के अनुसार आँवले का नियमित रूप से सेवन करने से लिवर को स्वस्थ रखा जा सकता है। साथ ही आँवले का उपयोग अधिक शराब का सेवन करने के कारण लिवर पर पड़ने वाले दुष्प्रभाव को भी कम कर सकता है। 

आंवला घने, लंबे एवं मज़बूत बालों के लिए - 

दुनिया में हर किसी को घने, स्वस्थ और लंबे बाल अतिप्रिय होते हैं और रूखे व बेजान बालों से छुटकारा पाने के लिए आप कितने ही महँगे उत्पादों का सेवन करते हैं। पर आंवला एक प्राकृतिक हेयर टॉनिक (Hair Tonic) है। यह न केवल बालों के विकास को बढ़ाता है, उन्हें झड़ने से भी बचाता है। यह रूसी एवं गंजेपन का शत्रु है और सफेद बालों से भी राहत प्रदान करता है। अपने बालों को मज़बूत करने और उन्हें एक चमकदार रूप देने के लिए आंवला रस एवं तिल के तेल का मिश्रण बालों की जड़ों में लगायें।बालों के स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए आमला बहुत फायदेमंद है।

  • बालों का झड़ना कम करता है -  विटामिन सी की कमी बालों के झड़ने का एक मुख्य कारण है और आमला में विटामिन सी प्रचुर मात्रा में पाया जाता है। जिसकी वजह से यह बालों का झड़ना कम करता है। 
  • समय से पहले बालों का सफेद होना रोकता है- अमला में मौजूद एंटी आक्सीडेंट बालों के पिग्मेंटेशन को समृद्ध करते हैं। पाउडर या पेस्ट के रूप में अमला को सिर पर लगाने से सिर की त्वचा को पोषण मिलता है और यह समय से पहले बालो को सफ़ेद होने से बचाता है। 
  • बालों की वृद्धि में सहायक होता है- आमला में आवश्यक फैटी एसिड होते हैं जो बालों का विकास तेजी से करने में मदद करते हैं। अमला बालों की जड़ो को मजबूत कर उनकी वृद्धि में मदद करता है। इसमें मौजूद पोषक तत्व बालों के रोम तक पहुंच कर उन्हें लम्बा, कोमल और घना बनाते हैं साथ ही उनकी चमक को भी बरक़रार रखते हैं। स्वस्थ और लम्बे बाल पाने के लिए आमला तेल से अपने सिर की मालिश करें।
  • रूसी को कम करता है - अमला के एंटीबैक्टीरियल गुण  एक्जिमा (eczema) और डैंड्रफ़ जैसी परेशानियों को कम करता है। 
  • आमला और शिकाकाई पाउडर का मिश्रण प्राकृतिक रूप से बालों को रंग देने के लिए उपयोग किया जा सकता है।

आंवला दिमाग़ को तेज़ बनाने के लिए - 

अमला विटामिन और खनिजों का समृद्ध स्रोत है जो मस्तिष्क के स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण हैं। रक्त में आयरन की अधिक मात्रा मस्तिष्क को ऑक्सीजन प्रदान करती है और साथ ही स्मृति में सुधार करती है। अमला में पाए जाने वाले एंटीऑक्सीडेंट मस्तिष्क को स्वस्थ बनाये रखने के लिए लाभकारी होते हैं। आंवला एक प्रभावी मस्तिष्क टॉनिक है और स्मरण शक्ति बढ़ाने और एकाग्रता को सुधारने में मदद करता है। अपने दिमाग को पोषण देने के लिए इसका कच्चा फल खायें। 

आमला स्वस्थ आँखों के लिए - 

आँखें इंसान के लिए ईश्वर की एक अनमोल देन है। जीवन के हर पल को जीने के लिए और उन्हें सॅंजो कर रखने के लिए स्वस्थ नेत्रों (eyes) की एहम भूमिका होती है। आँवला आँखों की दृष्टि (नज़र) में सुधार लाता है एवं आँखों में जलन और खुजली से राहत प्रदान करता है। आँवले का जूस नेत्रश्लेष्मलाशोथ (conjunctivitis) का भी एक प्रबल उपचार है।

अध्ययनों के अनुसार अमला में पाया जाने वाला कैरोटीन दृष्टि में सुधार करता है। आवंले का नियमित रूप से सेवन करने पर आंखों के स्वास्थ्य में सुधार हो सकता है। यह मोतियाबिंद की समस्या से राहत प्रदान करता है और इंट्राओकुलर तनाव को कम कर कर आंखों की कई समस्याएं जैसे आँखों से पानी आना, आँखों का लाल होना और आँखों में खुजली आदि को कम कर सकता है। अमला में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट ऑटिडिएटिव तनाव से आँखों के रेटिना की रक्षा करते हैं। जिससे मोतियाबिंद का खतरा भी कम हो जाता है। आंवले का जूस और शहद मिला कर पीना आँखों के लिए लाभदायक होता है। 

आमला के उपयोग मज़बूत दाँतों के लिए - 

भोजन को शरीर का ईंधन कहा जाता है परंतु स्वस्थ एवं मज़बूत दाँतों के बिना हम अन्न ग्रहण करने में असमर्थ होते हैं। तो यदि आप दाँतों को स्वस्थ और मज़बूत बनाना चाहते हैं तो रोज़ आँवला का सेवन करें। 

आवँला एक शक्तिशाली एंटीमाइक्रोबायल एजेंट है। इसलिए यह विभिन्न प्रकार के रोगजनकों और बैक्टीरिया से होने वाली परेशानी को कम कर सकता है। एक अध्ययन में पाया गया कि आँवला स्ट्रेप्टोकोकस म्यूटन नामक बैक्टीरिया के विकास को रोकने में सक्षम है। स्ट्रेप्टोकोकस म्यूटन दांतो में कीड़ा लगने का मुख्य कारण होता है। अतः इसके विकास को रोक कर आँवला दन्त क्षय (दांतो में कीड़ा लगना) जैसी दातों की समस्याओं के इलाज में फायदेमंद है। 


आंवला स्वच्छ श्वसन प्रणाली के लिए - 

श्वसन प्रणाली साँस लेने एवं छोड़ने में महत्‍वपूर्ण भूमिका निभाती है। लेकिन सर्दी, खांसी, दमा,ब्रोंकाइटिस एवं यक्ष्मा जैसे श्वसन संबंधी रोग सांस लेने में गंभीर कठिनाई पैदा कर देते हैं। आँवला इन कठिनाइयों को दूर करने मे निपुण है। परंतु आँवला शीतल स्वाभाव का होता है, इसलिए इसका सेवन शहद या फिर काली मिर्च के साथ ही करना चाहिए।

आँवले में विटामिन सी प्रचुर मात्रा में होता है और इसको श्वसन संबंधी परेशानियों को कम करने के लिए लाभकारी माना जाता है। इस को सर्दी और खाँसी के इलाज के लिए एक हर्बल दवा के रूप में इस्तेमाल किया जाता है। आँवले का सेवन करने से रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है जिस से फ़्लु और गले के संक्रमण को कम करने में मदद मिलती है । यह पुरानी खांसी, टीबी और छाती की समस्याओं से निपटने में मदद करता है। यह अस्थमा के लक्षणों को कम करने के लिए भी लाभदायक माना जाता है।

​ आँवला एक प्राकृतिक औषधीय फल है, परंतु इसके भी कुछ हानिकारक प्रभाव हो सकते हैं। लेकिन अच्छी बात यह है इसके दुष्प्रभाव दुर्लभ हैं और आमतौर पर ज़्यादा मात्रा में सेवन से होते हैं।


  1. आँवला त्वचा की नमी को भी कम कर सकता हैं। इसीलिए आँवला खाने के साथ ज़्यादा मात्रा में पानी पीना भी महत्त्वपूर्ण है।
  2. यदि इसका सेवन अधिक मात्रा में किया जाए तो यह पेशाब में जलन का भी कारण बन सकता है।
  3. इसमें उच्च फाइबर (fiber) पाई जाती है जिसकी वजह से डायरिया हो सकता है। इसीलिए इसके सेवन के साथ साथ पानी का भी सेवन करना ज़रूरी है।
  4. अधिक मात्रा में खाने से गर्भवती महिलाओं की पाचन शक्ति पर असर पर सकता है।
  5. यदि इसका सेवन लंबे समय तक किया जाए या फिर ज़्यादा मात्रा में किया जाए तो यह पथरी को भी जन्म दे सकता है।आंवले की शीतल प्रवृति की वजह से यह सर्दी और खांसी ट्रिगर पर बुरा असर डाल सकता है। इसके इस दुष्प्रभाव को समाप्त करने के लिए इसका सेवन काली मिर्च या शहद के साथ करें।यदि आप इसका सेवन पानी के साथ ना करें तो इससे आपको कब्ज हो सकता है ।
  6. आँवला मधुमेह (Diabetes) की दवा के साथ हस्तक्षेप कर सकता है। इसका आचार रक्तचाप के लिए हानिकारक साबित हो सकता है। इसलिए हृदय रोगी को इसका सेवन चिकित्सक की सलाह से ही करना चाहिए।
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Milan Tomic

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