टिंडा के फायदे और नुकसान/tinda ke fayde aur nuksan



 टिंडा का परिचय - introduction of Apple gourd 

 टिंडा का वैज्ञानिक नाम प्रेसिट्रुलस फिस्टुलोसस (praecitrullus fistulosus) है।यह क्युकरबिटासिए परिवार (Cucurbitaceae) का सदस्य है।यह सब्जी का पौधा है।इसको अंग्रेजी में ऐपल गार्ड, इंडियन राउंड गार्ड, इंडियन स्क्वॉश आदि नामों से जाना जाता है। टिंडे की सब्जी को मुख्य रूप से भारत, पाकिस्तान और अफगानिस्तान में ही उगाया जाता है। पंजाब, उत्तर प्रदेश, मुंबई और राजस्थान जैसी जगहों पर यह सब्जी आमतौर पर मंडियों में नजर आती है। हालांकि, टिंडे को घाना और केन्या जैसे अफ्रीकी देशों में भी उगाया जाता है। 
टिंडा के फायदे और नुकसान
टिंडा के फायदे

भारत में टिंडा आमतौर पर फरवरी से अप्रैल के आखिर तक या फिर बारिश के मौसम में जून के मध्य से जुलाई के आखिर तक उगाया जाता है।लौकी और कद्दू  की ही तरह, टिंडा भी बेल या लताओं में उगने वाली सब्जी है और इस पर सबसे पहले पीले रंग के फूल आते हैं। इसकी पत्तियां भी गोलाकर और लंबी होती हैं। यह सब्जी बाहर से देखने में हरे रंग की होती है लेकिन अंदर से यह सफेद होती है और इसमें बीज भी होते हैं। इसके सफेद भाग को सब्जी बनाने में इस्तेमाल किया जाता है। वैसे तो यह सब्जी पूरे साल मार्केट में आसानी से मिल जाती है, लेकिन इसका पीक सीजन वसंत ऋतु में होता है। वैसे तो आमतौर पर टिंडे की सब्जी या अचार ही खाया जाता है लेकिन कई बार टिंडे के जूस को भी त्वचा और बालों में लगाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। 

  • टिंडा कब्ज के लिए फायदेमंद - apple gourd beneficial for acidity

  • टिंडा कब्ज  की समस्या को भी दूर करने में मदद करता है। इसका कारण ये है कि टिंडा में फाइबर और पानी की मात्रा अधिक होती है जो मलोत्सर्ग में मदद करता है। 

  • टिंडा पथरी में फायदेमंद - apple gourd benefits in stone

  • टिंडा किडनी को भी साफ रखने में मदद करता है। इसमें पानी की मात्रा अधिक होती है इसलिए यह शरीर के अंदरूनी अंगों में पर्याप्त हाइड्रेशन रखने के साथ ही किडनी में जमा विषाक्त पदार्थों को भी सही तरीके से शरीर से बाहर निकालने का काम करता है। किडनी साफ रहने से  पथरी की आशंका भी कम हो जाती है।

  • टिंडा उच्च रक्तचाप के लिए उपयोगी - apple gourd useful for high blood pressure

  • उच्च रक्तचाप के रोगियों को टिंडे का जूस का सेवन करना चाहिए। टिंडे के जूस की मदद से उच्च रक्तचाप की समस्या से आसानी से छुटकारा पाया जा सकता है। टिंडे के अंदर पोटाशियम होता है जो शरीर में मौजूद अतिरिक्त सोडियम को बाहर निकलने में मदद करता है। साथ ही रक्त वाहियों और गम्नियों को शांत करता है जिससे रक्त प्रवाह बिना किसी रुकावट के सुचारू रूप से चलता रहता है। शरीर में सोडियम की अधिक मात्रा के कारण से रक्तचाप उच्च होने की शिकायत होती है। वैसे तो कई कारणों से किडनी खराब हो सकती है, लेकिन हमेशा रक्तचाप उच्च रहने के कारण से भी किडनी खराब हो सकती है।

  • टिंडा वजन  कम करने के लिए उपयोगी – apple gourd useful for reduce weight

    टिंडा वजन कम करने में हमारी काफी मदद करता है। टिंडे के अंदर अच्छी मात्रा में पानी मिलता है जो मोटापे को कम करने में मददगार होता है। अगर आपको वजन ओवरईटिंग के कारण बढ़ रहा है तो आपको नियमित रूप से टिंडे के जूस का सेवन सुबह नाश्ते में करना चाहिए। साथ ही टिंडा फाइबर का भी अच्छा स्रोत है जो पेट में जमा अतिरिक्त वसा को कम तो करता ही है साथ ही पाचन को सुधार कर खाने को ठीक से पव्हाने में भी मदद करता है।

    टिंडा मधुमेह को कम करने में फायदेमंद – apple gourd beneficial in reduce diabetes

    अगर आप मधुमेह के रोगी है तो आपको टिंडे की सब्जी का जरुर करना चाहिए। टिंडा मधुमेह कम कर्ण के लिए उत्तम आहार के श्रेणी में आता है। इसके अंदर घुलनशील फाइबर काफी मात्रा में मिलता है जो रक्त शर्करा को कम करने में मदद करता है। साथ ही शरीर में इन्सुलिन की मात्रा को बढ़ाने में मदद करता है, बढ़ा हुआ इन्सुलिन तेज़ी से मधुमेह को कम करता है। टिंडे के छिलकों में फोटोकेमिकल मिलता है जो रक्त शर्करा को कम करने में सहायक होता है। टिंडा मेटाबोलिज्म सुधार में भी सहायक होता है।

    टिंडा मूत्र संक्रमण को दूर करने के लिए उपयोगी – apple gourd useful for urinary infection

    टिंडा मूत्र संक्रमण को दूर करने में मदद करता है। पानी मात्रा अधिक होने के कारण शरीर में पानी की कमी नही होती जिससे किडनी और मूत्र पथ की सदी नियमित रूप से होती रहती है। किडनी और मूत्र पथ साफ होने के कारण मूत्र प्रवाह में कोई बाधा उत्पन्न नही होती, जिससे संक्रमण का खतरा नहीं बनता और पहले से मौजूद संक्रमण भी दूर होता है। यह किडनी और मूत्र पथ में मौजूद विषाक्त उत्पादों को बाहर निकाल देता है।गर्मियों में यह शरीर के सभी अंगों को ठंडा बनाएं रखने में मदद करता है।

    टिंडा पाचन तंत्र के लिए उपयोगी  – apple gourd useful for digestive system

    टिंडे में फाइबर अच्छी मात्रा में मिलता है जो पाचन को सुधारने में काफी मदद करता है। नियमित रूप से टिंडा खाने से आपको कब्ज, अपच, गैस, पेट फूलने जैसी समस्याओं से छुटकारा मिलता है। पानी की अधिकता के कारण यह आपके पेट की सफाई के लिए उत्तम आहार की श्रेणी में आता है। आप इसे सब्जी के रूप में इस्तेमाल कर सकते है। अगर तेज़ी से समाधान चाहते है तो इसे जूस के रूप में अपने आहार में शमिल करे।

    टिंडा सूजन में फायदेमंद  – apple gourd beneficial in inflammation

    टिंडा सूजन कम करने वाली सब्जी है। साथ ही यह दर्द निवारक औषधि भी है। सूजन कम करने के लिए आप इसका पेस्ट बना कर इसे सूजन वाली जगह पर लगा ले। इससे आपकी सूजन तो कम होगी ही साथ ही आपको दर्द से भी राहत मिलेगा।

    टिंडा स्वस्थ दिल के लिए फायदेमंद – apple gourd beneficial for healthy heart

    यदि आप नियमित रूप से टिंडे का सेवन करते है तो आपका दिल हमेशा जवां बना रहेगा। टिंडे के अंदर फाइबर अच्छी मात्रा में मिलता है जो कोलेस्ट्रोल को कम करने में मदद करता है। फाइबर वसा को तो कम करता ही है इसके अलावा यह रक्त वाहिकाओं में जमे कोलेस्ट्रोल को हटाने में भी मदद करता है। जिससे दिल तक रक्त सुचारू रूप से पहुचता है। वहीं पोटाशियम उच्च रक्तचाप को काबू में करता है और रक्त प्रवाह को सुचारू बनाता है। टिंडे के सेवन व्यक्ति कोरोनरी हार्ट डिजीज से बचा रहता है। बता दें की कोलेस्ट्रोल बढने के कारण से ही दिल की अधिकतर बीमारियाँ होती है।

    टिंडा कैंसर से बचाए के लिए उपयोगी – apple gourd useful for cancer

    टिंडा ना केवल आपकी किडनी को खराब होने से बचाता है बल्कि आपको कैन्सर जैसी जानलेवा बीमारी से भी दूर रखता है। टिंडे के अंदर 0.4 मिलीग्राम थियामिन, 0.08 मिलीग्राम रिबोफ्लेविन, 24 मिलीग्राम फॉस्फोरस मिलता है जो कैंसर के कारकों को पनपने से रोकते है जिससे आप कैंसर की बीमारी से बचे रहते है। टिंडा महिलों को होने वाले कैंसर ब्रेस्ट कैंसर और प्रोटेस्ट कैंसर होने क संभावना को कम करता है।

    टिंडा प्रतिरोधक शक्ति बढाने के लिए उपयोगी – apple gourd useful for increasing immunity

    टिंडा प्रतिरोधक क्षमता को बढाने में मदद करता है।टिंडे में विटामिन ए और विटामिन सी का बेहतरिन  सोर्स है विटामिन सी पानी मे घुलनशील एंटीऑक्सीडेंट है जो इम्युनिटी बुस्ट की तरह काम करने के साथ आयरन को सोखने में भी शरीर की मदद करता है टिंडे में ग्लोबुलिन नामक एक खास तरह का प्रोटीन मिलता है जों हमारे रक्त में कुछ मात्रा में पहले से मौजूद होता है। ग्लोबुलिन प्रोटीन इम्मुन सिस्टम को दुरुस्त करने में सहायक होता है।

  • टिंडा किडनी के लिए फायदेमंद - apple gourd beneficial for kid

  • नियमित रूप से टिंडा खाने से हमारी किडनी स्वस्थ और मजबूत बनी रहती है। टिंडा शरीर में मौजूद अपशिष्ट उत्पादों को शरीर से बहार निकालने में मदद करता है। टिंडा में पानी की मात्रा सबसे अधिक होती है जो मूत्र वर्धक के रूप में काम करता है जिससे किडनी की सफाई होती है और किडनी ख़राब होने से बचती है। बता दें किडनी शरीर से अपशिष्ट उत्पादों को पेशाब के साथ शरीर बाहर निकालने का काम करती है।

  • टिंडा त्वचा और बालों के लिए उपयोगी- Apple gourd useful for skin and hair

  • टिंडा त्वचा से जुड़े संक्रमण को भी दूर करता है अगर त्वचा पर किसी तरह की एलर्जी हो गई हो फंगल इंफेक्शन हो गया हो या फिर सनबर्न या प्रदूषण से त्वचा खराब हो रही हो तो इन सारी समस्याओं को भी दूर करने में मदद करता है टिंडा मे विटामिन ई होता है जो त्वचा को साफ्ट बनाने के साथ ही उसे मास्चराइजर करने में भी मदद करता है।

  • स्किन के साथ ही बालों के लिए भी फायदेमंद माना जाता है टिंडा। इसमें विटामिन्स और मिनरल्स भरपूर मात्रा में होते हैं जो स्कैल्प में होने वाली खुजली और ड्राईनेस को दूर कर डैंड्रफ की समस्या से छुटकारा दिलाने में मदद करता है। साथ ही हेयर फॉलिकल्स को सुरक्षित रखकर  बालों को लंबा और मजबूत बनाने में भी मदद करता है

    टिंडा स्वस्थ मस्तिष्‍क के लिए उपयोगी – apple gourd useful for healthy brain 

    मस्तिष्‍क को स्‍वस्‍थ्‍य बनाने के लिए टिंडा फायदेमंद होता है। क्‍योंकि इसमें ओमेगा-6 फैटी एसिड अच्‍छी मात्रा में होता है जो मस्तिष्‍क के लिए बहुत ही फायदेमंद होता है। ओमेगा-6 फैटी एसिड मस्तिष्‍क कोशिकाओं के विकास में मदद करता है, साथ ही यह शरीर के अन्‍य अंगों की मरम्‍मत प्रणाली (repair system) में भी मदद करता है। आप भी अपने मस्तिष्‍क (Brain) को स्‍वस्‍थ्‍य और सुरक्षित रखने के लिए टिंडे का उपयोग कर सकते हैं।

  • वैसे तो पोषक तत्वों से भरपूर होने के कारण टिंडा सेहत के लिए फायदेमंद होता है, बावजूद इसके टिंडा के कुछ दुष्प्रभाव भी हो सकते हैं :

    • सीमित मात्रा में ही टिंडा का सेवन करना चाहिए। इसका कारण ये है कि इसमें फाइबर और पानी की मात्रा अधिक होती है और अगर बहुत ज्यादा टिंडा खा लिया जाए तो डायरिया और पेट में ऐंठन जैसी दिक्कतें हो सकती हैं।

    • जिन मरीजों को तेज बुखार हो उन्हें भी टिंडा का सेवन नहीं करना चाहिए क्योंकि इसकी तासीर ठंडी होती ही और यह मरीज के ठीक होने की प्रक्रिया को और धीमा कर सकता है।

    • गर्भवती महिलाओं और बच्चों को अपना दूध पिलाने वाली महिलाओं के लिए टिंडा फायदेमंद है या नुकसानदेह इस बारे में जानकारी मौजूद नहीं है। लिहाजा ऐसी महिलाओं को अपने डॉक्टर से बात कर लेनी चाहिए कि टिंडा का सेवन उनके लिए उचित है या नहीं.

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Milan Tomic

Hi. I’m Designer of Blog Magic. I’m CEO/Founder of ThemeXpose. I’m Creative Art Director, Web Designer, UI/UX Designer, Interaction Designer, Industrial Designer, Web Developer, Business Enthusiast, StartUp Enthusiast, Speaker, Writer and Photographer. Inspired to make things looks better.

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