साल का आखिरी चंद्र ग्रहण 8 नवंबर को लग रहा है। ये चंद्र ग्रहण पूर्ण चंद्र ग्रहण होगा जो उत्तर/पूर्वी यूरोप, एशिया, ऑस्ट्रेलिया, उत्तरी अमेरिका, अधिकांश दक्षिण अमेरिका, प्रशांत, अटलांटिक, हिंद महासागर, आर्कटिक और अंटार्कटिका में दिखाई देगा।चंद्र ग्रहण 2022
भारत में यह चंद्रग्रहण भारतीय समय के अनुसार 8 नवंबर 2022 को शाम 5.32 मिनट पर दिखाई देगा और शाम 6.18 मिनट पर खत्म होगा।वैसे तो ग्रहण एक खगोलीय घटना है लेकिन ज्योतिष शास्त्र में इसे अशुभ माना जाता है। इस दौरान कुछ कार्य करने की मनाही होती है. आइए जानते हैं कि चंद्र ग्रहण के दौरान क्या करना चाहिए और क्या नहीं।
चन्द्र ग्रहण का समय
चन्द्र ग्रहण साल का आखिरी चन्द्र ग्रहण है जो कार्तिक पूर्णिमा, 8 नवंबर 2022 दिन मंगलवार को पड़ रहा है। चंद्र ग्रहण दोपहर 02:39 से प्रारम्भ हो जायेगा चन्द्र ग्रहण का मध्य काल 04:29 पर होगा।ग्रहण का समापन शाम 06:19बजे होगा।चन्द्र ग्रहण की शुरुआत या स्पर्शकाल भारत में 8 नवम्बर को शाम 04:29 प्रारम्भ होगा।भारत में यह चंद्रोदय के साथ ही यह ग्रहण शाम 5:32 बजे दिखाई देगा और ग्रहण 6:19 बजे समाप्त हो जयेगा। इस ग्रहण का सूतक काल ग्रहण से 9 घंटे पहले शुरू होगा ।ग्रहण का सूतक काल 8 नवम्बर दिन मंगलवार को सुबह 5:39 बजे प्रारम्भ हो जायेगा।
चन्द्र ग्रहण के दौरान नहीं करना चाहिए यह कार्य
चंद्र ग्रहण का सूतक 12 घंटे पहले शुरू हो जाता है । सूतक काल के समय कोई भी शुभ कार्य नहीं किया जाता है। ग्रहण काल में तुलसी के पौधे को नहीं छूना चाहिए। सूतक लगने से पहले ही तुलसी के पत्ते तोड़ लेना चाहिए ।सूतक काल या ग्रहण के दौरान कुछ भी खाने और पीने से परहेज करना चाहिए। इस दौरान किसी भी तरह की यात्रा करने से बचना चाहिए। गर्भवती महिलाओं को ग्रहण और सूतक काल के दौरान विशेष रूप से सावधान रहने की सलाह दी जाती है। गर्भवती महिलाओं को किसी भी परिस्थिति में ग्रहण देखने से बचना चाहिए। ग्रहण के दौरान सोने से मना किया जाता है।
चन्द्र ग्रहण में यह काम फलदायी होता है
चंद्र ग्रहण का असर मन-मस्तिष्क पर पड़ता है। इस लिए चन्द्र ग्रहण के कुप्रभाव से बचने के लिए ग्रहण काल के दौरान ध्यान करना चाहिए। इस दौरान जरूरतमंद लोगों को धन और अनाज का दान करना चाहि।ग्रहण के दौरान कम से कम 108 बार अपने इष्टदेव के मंत्रों का जाप करें और ऊँ नम: शिवाय मंत्र का जाप करें। इससे चंद्र ग्रहण के बुरे प्रभावों का असर नहीं पड़ता है। ग्रहण के दौरान अपने पास दूर्वा घास रखें। चन्द्र ग्रहण के दौरान किसी भी प्रकार का मानसिक या शारीरिक तनाव नहीं रखना चाहिए।
ग्रहण काल के दौरान हमारे आसपास की हर चीज प्रभावित होती है। ग्रहण काल में गर्भवती महिलाओं को कुछ विशेष ख्याल रखने व कछ सावधानियां बरतने की सलाह दी जाती है। ग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाओं को किन कार्यों से बचना चाहिए...
ग्रहण काल में गर्भवती महिलाओं को बरतने योग्यता सावधानियां
- ग्रहणकाल में गर्भवती महिलाओं को अपने पास नारियल रखना चाहिए। माना जाता है ऐसा करने से ग्रहण का नकारात्मक प्रभाव कम होता है।
- ग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाओं को सुई, चाकू, कैंची जैसी नोकदार वस्तुओं से दूर रहना चाहिए।
- चंद्र ग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाएं हनुमान चालीसा या दुर्गा चालीसा का पाठ करें। इससे संकट कटते हैं।
- ग्रहणकाल के दौरान अपने पेट के हिस्से पर गेरू लगाकर रखें।
- चन्द्र ग्रहण में मन ही मन में भगवान का नाम लें और गायत्री मंत्र का जाप करें।
चन्द्र ग्रहण का राशियों पर प्रभाव
चन्द्र ग्रहण इस वर्ष का दूसरा और इस साल का अंतिम ग्रहण होगा जो 8 नवंबर 2022 दिन मंगलवार को पड़ने जा रहा है और इन 4 राशि मेष, वृष, कन्या और मकर के लिए साल का आखिरी ग्रहण हानि के योग लेकर आ रहा है। इसके अलावा 4 राशियों मिथुन, कर्क, वृश्चिक और कुंभ के लिए यह काफी लाभकारी साबित होगा और बाकी चार राशियों के लिए ग्रहण मध्यम फल प्रभाव डालेगा।
ग्रहण के सूतक काल में क्या करें और क्या न करें
चन्द्र ग्रहण 8 नवम्बर 2022 के सूतक काल के दौरान जितना सम्भव हो कम बोलें और भगवान की भक्ति में अपना मन लगाएं। भगवान का ध्यान करें, उनकी पूजा करें, इत्यादि। इस दौरान ग्रह की शांति के लिए पूजा पाठ करें और मंत्रों का जप करें। सूतक काल के समय जितना सम्भव हो योग और ध्यान करें। ऐसा करने से मानसिक शक्ति का विकास होगा और खुद को और अपने परिवार को ग्रहण के दुष्प्रभाव से भी बचा सकेंगे। सूतक काल में भोजन नहीं बनाएं और अगर खाना बना लिया है तो उसमें तुलसी के पत्ते डालकर रख दें। चंद्र ग्रहण के दौरान चंद्र मंत्रों का जप करें।
ग्रहण के सूतक काल में नहीं करना चाहिए ये सब काम
जब सूतक काल समाप्त हो जाए तो घर को साफ करके दोबारा पूजा पाठ करें और स्नान करें। ग्रहण समाप्त होने पर घर पर और पूजा स्थल पर गंगाजल छिड़कें और घर को शुद्ध करें, साथ ही सूतक काल में किसी भी गर्भवती महिला को घर से बाहर बिल्कुल भी नहीं जाना चाहिए। ग्रहण की छाया आपके गर्भ में पल रहे शिशु पर न पड़े। शास्त्रों के अनुसार सूतक काल में दांतों की सफाई और बालों में कंघी नहीं करनी चाहिए। सूतक काल चल रहा हो तो सोने से बचें। धार्मिक दृष्टि से सूतक काल में किसी भी पवित्र मूर्ति को छूना अत्यंत अशुभ माना जाता है। इस दौरान काम या क्रोध जैसे नकारात्मक विचारों को अपने मन में घर न आने दें, साथ ही इस समय अवधि के दौरान मल, मूत्र और शौच जैसे कार्य करना भी वर्जित है। साथ ही इस दौरान चाकू और कैंची जैसी नुकीली चीजों का इस्तेमाल करना भी मना है।
चन्द्र ग्रहण में मंत्रों का जाप
चंद्र ग्रहण के दौरान गुरु मंत्र गायत्री मंत्र या इष्ट देवता का मंत्र का जाप करना शुभ होता है। वहीं ग्रहण के बाद शिवलिंग पर जल चढ़ाएं। 'ॐ नम: शिवाय' मंत्र का जाप करें। इससे चंद्र ग्रहण के बुरे प्रभावों का असर नहीं पड़ेगा। साथ ही इस मंत्र का जप करे 'ॐ क्षीरपुत्राय विद्महे अमृत तत्वाय धीमहि तन्नो चन्द्रः प्रचोदयात।'
ग्रहण के सूतक काल में नहीं करना चाहिए कोई भी शुभ कार्य
ग्रहण लगने से पहले की समय अवधि को अशुभ माना जाता है और इसे ही सूतक कहते हैं। इस समय अवधि में किसी भी तरह का कोई भी शुभ काम या मांगलिक कार्य नहीं किया जाना चाहिए। कहते हैं यदि इस सूतक काल के दौरान व्यक्ति कोई भी शुभ कार्य करता है, या नया काम शुरू करता है या मांगलिक कार्य करता है तो उसे शुभ फल की जगह अशुभ फल की प्राप्ति होती है। ग्रहण के सूतक काल में किसी भी तरह का हो शुभ कार्य करने का निषेध होता है।
नोट - चन्द्र ग्रहण का यह लेख आप लोगों को कैसा लगा कमेंट करके अपना सुझाव दे।
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