छोटी दिवाली या नरक चतुर्दशी दिवाली से एक दिन पहले मनायी जाती है। छोटी दिवाली या नरक चतुर्दशी को अनेक नामों से जाना जाता है, जैसे- रूप चौदस, भूत चतुर्दशी, नरक निवारण चतुर्दशी और छोटी दिवाली भी कहा जाता है।नरक चतुर्दशी को हिंदुओं का महत्वपूर्ण त्योहार माना जाता है क्योंकि यह त्यौहार दिवाली से एक दिन पहले मनाया जाता है।छोटी दिवाली के दिन से ही लोग अपने अपने घरों को सजाने के लिए तरह तरह के रंग बिरंगी बत्तियों और झालरों का प्रयोग करते हैं।छोटी दिवाली 2022
नरक चतुर्दशी पर्व में शाम के समय घर के मुख्य द्वार पर यम देव के नाम का दीया जलाया जाता है। ऐसा भी कहा जाता है कि यम देव के नाम का दीपक जलाने से परिवार के सदस्यों की अकाल मृत्यु नहीं होती है। महत्वपूर्ण बात यह है कि यम देव के नाम का दीपक घर के बुजुर्ग को चलाना चाहिए। हर साल शाम के समय घर के बुजुर्ग द्वार पर दीपक जलाते हैं।
नरक चतुर्दशी, रूप चतुर्वेदी मुहूर्त -
23 अक्टूबर रविवार को सर्वार्थ सिद्धी, अमृत सिद्धी योग के साथ कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि 23 अक्टूबर की शाम 4 बजकर 35 मिनट से प्रारंभ होगी। नरक चतुर्दशी तिथि का समापन 24 अक्टूबर 2022 को शाम 4 बजकर 34 मिनट पर होगा। इस साल नरक चतुर्दशी, रूप चौदस यमदीप दान एक ही दिन 23 अक्टूबर को मनाया जाएगा। मान्यतानुसार इस दिन भगवान श्रीकृष्ण ने नरकासुर नामक राक्षस की कैद से 16008 रानियों को मुक्त कराया था। इस दिन को छोटी दीपावली भी कहा जाता है।
नरक चतुर्दशी, छोटी दिवाली शुभ मुहूर्त
नरक चतुर्दशी के दूसरे दिन, जिसे छोटी दिवाली भी कहा जाता है, 23 अक्टूबर को सुबह 05:05 बजे शुरू होगा और 06:27 बजे समाप्त होगा। हिंदू परंपरा और पौराणिक कथाओं के अनुसार, ऐसा माना जाता है कि इस दिन भगवान कृष्ण ने राक्षस नरकासुर से युद्ध किया और उसका वध किया.
नरक चतुर्दशी पूजा पाठ
भारत में लोग नरक चतुर्दशी को फसल कटाई का त्योहार भी माना जाता है. इस दिन लोग नहाने से पहले विशेष हर्बल तेल, तिल के तेल से पूरे शरीर पर मालिश करते हैं इसे अभयंग स्नान के नाम से भी जाना जाता है. ऐसा करने से स्नान के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला तिल का तेल व्यक्ति को गरीबी और दुर्भाग्य से बचाने में मदद करता है।
नरक चतुर्दशी अनुष्ठान
नरक चतुर्दशी के दिन लोग देवी लक्ष्मी या यमराज को याद करते हैं और उनकी पूजा अर्चना करते है. ऐसी मान्यता है कि यदि आप यमराज को प्रसन्न करने में सफल हो जाते हैं, तो आप अकाल मृत्यु से बच जाते हैं. लोग इस दिन अपने बेहतर स्वास्थ्य और लंबी उम्र के लिए भी एक दीया जलाते हैं।
नरक चतुर्दशी मनाने की परम्परा
नरक चतुर्दशी की शाम में घर के द्वार पर दीपक जलाने की परंपरा है। इसे बहुत शुभ माना जाता है। कहा जाता है घर के सबसे बुजुर्ग व्यक्ति को छोटी दिवाली की शाम एक दीया जलाना चाहिए और पूरे घर में दीपक जलाकर घुमाना चाहिए। दीपक को घुमाते हुए बुजुर्ग घर के बाहर आ जाते हैं और कहीं दूर रख देते हैं।
नरक चतुर्दशी नाम कारण
छोटी दिवाली के इस दीपक को यम का दीया कहते हैं। यह दीपक यम देव के नाम का होता है, जिनकी इस दिन पूजा से अकाल मृत्यु को टाला जा सकता है।
यम दीप पौराणिक कथा
पौराणिक कथा के मुताबिक, यम देव ने अपने दूतों को अकाल मृत्यु से बचने का तरीका बताया था। उन्होंने कहा था कि जो व्यक्ति कार्तिक मास में कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को शाम के समय दीप प्रज्वलित करेगा, उसे अकाल मृत्यु का भय नहीं रहेगा।
यम दीप प्रज्वलन(जलाने)के नियम
कहा जाता है दीपक जलाकर पूरे घर में घुमाने के बाद बाहर कहीं दूर रख देना चाहिए। जी दरअसल माना जाता है कि इससे सभी बुराइयां घर से बाहर चली जाती हैं। सरसों का तेल का दीपक जलाएं और पुराना दीया इस्तेमाल करें।
नये आभूषण और वस्त्रों की परंपरा
कुछ लोगों का मानना है कि जो लोग तांत्रिक गतिविधियों से जुड़े होते हैं उन्हें इस दिन मंत्र सीखने से सिद्धि प्राप्त होती है. आमतौर पर लोग किसी भी नकारात्मक ताकतों के खिलाफ जीतने के लिए अपने कुल देवता को निवेट चढ़ाते हैं.
अमवस्या तिथि, लक्ष्मी पूजा
24 अक्टूबर सोमवार की दोपहर 4.34 बजे से शुरू होगी और दूसरे दिन 25 अक्टूबर मंगलवार को दोपहर 4.04 बजे तक रहेगी। यही वजह है कि माता लक्ष्मी का पूजन 24 अक्टूबर सोमवार को होगा। वैधृति योग में लक्ष्मी पूजा का सर्वश्रेष्ठ शुभ समय शाम 6.55 से 8.54 तक स्थिर लग्न वृष रहेगी। रात्रि में 10.30 से 12 तक लाभ में मुहूर्त रहेगा।
दिवाली बाद सूर्य ग्रहण बाधक
दीपावली की देर रात से ही सूर्य ग्रहण का सूतक शुरू हो जाएगा। सूर्य ग्रहण का सूतक 25 अक्टूबर की तड़के 4.23 बजे से प्रारंभ होगा। 25 अक्टूबर मंगलवार को दिन में 4.23 स्पर्श, मध्य 5.28, मोक्ष 6.25 बजे होगा। ग्रहण काल में मंदिरों के पट बंद रहेंगे। शाम सात बजे पूजा-पाठ के बाद खोले जाएंगे। ग्रहण से राशियों पर भी प्रभाव रहेगा। इसमें मेष-धन लाभ, वृष-साथी कष्ट, मिथुन-शुभ समाचार, कर्क-प्रतिष्ठा, सिंह-विवाद, कन्या-सम्मान, तुला-कष्ट, वृश्चिक-हानि, धनु-सम्मान, मकर-शुभ, कुंभ-आद्यात, मीन-विवाद रहेगा।
सूर्य ग्रहण गोवर्धन पूजा और भैया दूज में बाधक
26 अक्टूबर बुधवार को अन्नकूट महोत्सव एवं गोवर्धन पूजन होगी। 27 अक्टूबर गुरूवार भाईदोज, भगवान चित्रगुप्त कलमदवात पूजा के साथ दीपावली के त्योहार का समापन होगा।
गोवर्धन पूजा मुहूर्त
गोवर्धन पूजा 26 अक्टूबर को है. गोवर्धन पूजा का मुहूर्त सुबह 06:28 से सुबह 08:43 बजे तक है. गोवर्धन पूजा दिवाली के एक दिन बाद मनाई जाती है लेकिन ग्रहण के वजह से 26 अक्टूबर को मनाया जायेगा। लोग इस दिन भगवान कृष्ण की पूजा करते हैं. मान्यता है कि भगवान कृष्ण ने 'गोवर्धन' नाम के एक पर्वत को उठाकर मथुरावासियों को भगवान इंद्र से बचाया था.
दिवाली, लक्ष्मी पूजा शुभ मुहूर्त
दिवाली 24 अक्टूबर को है. लक्ष्मी पूजा मुहूर्त शाम 06:53 बजे शुरू होगा और 24 अक्टूबर को रात 08:15 बजे समाप्त होगा. इस दिन लोग लक्ष्मी पूजा करते हैं. इस दिन दिवाली का मुख्य उत्सव होता है. इसी दिन भगवान राम रावण का वध करके अयोध्या लौट आए थे. दिवाली पर लोग धन की देवी लक्ष्मी का स्वागत करते हैं, जिनके बारे में माना जाता है कि वे लोगों को भाग्य और समृद्धि का आशीर्वाद देती हैं.
भैया दूज शुभ मुहूर्त
भाई दूज 26 अक्टूबर को है, जो भाइयों और बहनों के विशेष बंधन का उत्सव है. इस दिन अपराहन का समय दोपहर 01:12 बजे से दोपहर 03:26 बजे तक रहेगा. यह चंद्र कैलेंडर के शुक्ल पक्ष के दूसरे दिन मनाया जाता है.
- नरक चौदस दीपदान मुहूर्त: 23 अक्टूबर 2022 रविवार
प्रदोष काल बेला: शाम 6:03 से 7:03 शाम तक.
रात्रि शुभ चौघड़िया मुहूर्त: शाम 6:03 से 7:21 शाम तक
रात्रि अमृत चौघड़िया मुहूर्त: शाम 7:21 से 8:55 रात तक
सामान्य चौघड़िया मुहूर्त: रात 8:55 से 10:29 रात तक
रात्रि कालीन लाभ चौघड़ियामुहूर्त: रात्रि 1:37 से 3:11 रात तक
- नरक चौदस तेल उबटन: 24 अक्टूबर 2022
ब्रह्म मुहूर्त: प्रातः 04:39 से 06:15 सूर्योदय से पहले तक
- दीपावली लक्ष्मी पूजन शुभ मुहूर्त: 24 अक्टूबर 2022 रविवार
गोधूलि बेला: शाम 05:35 से 05:59 शाम तक
प्रदोष काल बेला: शाम 5:47 से 7:02 शाम तक
स्थित वृषभ लग्न मुहूर्त: शाम 7:01 से 8:59 रात तक
लाभ चौघड़िया मुहूर्त: रात 10:29 से 12:03 रात तक
महानिशा मुहूर्त: रात 11:38 से 12:28 रात तक
मध्य रात्रि सिंह स्थिर लग्न मुहूर्त: रात 1:28 से 3:36 रात तक
रात्रि कालीन शुभ चौघड़िया मुहूर्त: रात 1:37 से 3:11 रात तक
- गोवर्धन पूजन एवं अन्नकूट: 26 अक्टूबर 2022 बुधवार स्वाति ग्रहण अशुद्ध नक्षत्र के उपरांत दोपहर 01:25 से 02:42 दोपहर तक
- भाई दूज (यम द्वितीया) तिलक मुहूर्त: 27 अक्टूबर गुरुवार
चार सामान्य चौघड़िया तिलक मुहूर्त: 10:37 से 12:03 शाम तक
लाभ चौघड़िया तिलक मुहूर्त: दोपहर 12:03 से 12:45 दोपहर तक
व्यापार,गल्ला मंडी, काटा मुहूर्त: 27अक्टूबर 2022 गुरुवार, दिन के 11:39 से 11:51 दोपहर तक
नोट -
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